रात में अपराधों की गिनती काबू नहीं आने से गश्त पर सवाल उठ रहे हैं। मसला यह है रात गश्त में अगर पुलिस सडक़ों पर घूमती है फिर अपराधी वारदात कैसे कर रहे हैं। जाहिर है गश्त में लापरवाही हो रही है। अभी तक कंट्रोल रूम एक घंटे के अंतराल में गश्त टीम का वायरलैस पर लोकेशन लेता रहा हे। अब उसे गश्त की डिजीटल निगरानी का जिम्मा थमाया गया है। इसमें गश्त में निकले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को हर घंटे गूगल से अपनी लोकेशन बताना पड़ेगी।
7 दिन से कहां थी डायल 100 रात गश्त में डायल 100 को भी रडार पर लिया गया है। क्योंकि ज्यादातर डायल 100 के बारे में शिकायतें हैं गश्त डयूटी में यह गाडिय़ां इलाके में पैट्रोलिंग करने की बजाए उगाही के लए हाइवे और उन रास्तों पर डेरा जमाती है जहां से भारी वाहनों की आवाजाही होती है। कुछ थानों में तो इन वाहनों में रात को पुलिसकर्मियों की डयूटी भी ठेके पर लगती है। इन बातों के उठने पर जिले की सभी डायल 100 का सात दिन का जीपीएस डाटा मांगा गया है। इसके अलावा अब कंट्रोल रूम जीपीएस से रात गश्त में डायल 100 की लोकेशन ट्रेस करेगा। अगर गाड़ी हाइवे या दूसरे रास्ते पर ज्यादा देर तक खड़ी होती है तो डयूटी में मौजूद पुलिसकर्मियों को उसकी वजह बताना पड़ेगी।
इन ठिकानों पर डायल 100 की वसूली की शिकायतें
निरावली प्वाइंट (पुरानी छावनी)
मोतीझील तिराहा से बहोडापुर तिराहा
गोल पहाडिय़ा से लक्ष्मीगंज सब्जीमंडी (जनकगंज) बेला की बावड़ी से गिरवाई पुलिस चौकी (गिरवाई)
चिरवाई नाका (कंपू) विक्की फैक्ट्री (झांसी रोड)
सिरोल हाइवे (सिरोल) बडागांव हाइवे (मुरार)
भिंड रोड, लक्ष्मणगढ चौराहा (महाराजपुरा)
भिंड रोड, गोला का मंदिर चौराहा (गोला का मंदिर)
मलगढ़ा रोड (हजीरा) रामदास घाटी से शिंदे की छावनी (इंदरगंज)
रात गश्त डयूटी में इन इलाकों में डायल 100 की वसूली की शिकायतें पुलिस अधिकारियों के सामने आती रही है।
डिजीटल निगरानी होगी रात गश्त में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को गूगल से लाइव लोकेशन पुलिस कंट्रोल रूम को बताना पडेगी। डायल 100 कहां पैट्रोलिंग कर रही है जीपीएस से उसकी लोकेशन पता चलेगी। इसमें लापरवाही पर गश्त डयूटी में मौजूद पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी।
ऋषिकेश मीणा एएसपी