विशेष न्यायाधीश ने पवन व मनोज को धारा 471 व 467 के अपराध में दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है। इसके अलावा दोनों आरोपियों को धारा 120 बी के तहत एक साल, 419 में तीन साल, 468 में तीन साल तथा परीक्षा अधिनियम में 1-1 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 4-4हजार रुपए का जुर्माना भी किया है। अभियोजन के अनुसार डाक विभाग द्वारा 22 जून 2014 को डाक सहायक पद के लिए सरस्वती शिशु मंदिर जयेन्द्रगंज में परीक्षा आयोजित की गई थी।
पर्यवेक्षक अनंत गोपाल यादव कार्यालय अधीक्षक डाकघर, गुना संभाग ने परीक्षार्थियों के दस्तावेज चेक किए तो मनोज के दस्तावेज संदिग्ध नजर आए। उसकी अटेंडेंस शीट एवं रोल नंबर पर लगे फोटो में भिन्नता पाई गई थी। पुलिस जांच में पवन कुमार ने बताया कि मनोज उसकी मुंहबोली बहन का भाई है। उसका डाक सहायक की परीक्षा देने का आखिरी प्रयास था, क्योंकि उसकी उम्र 27 साल हो रही थी। इसके बाद वह यह परीक्षा नहीं दे पाता, इसलिए उसने भावना में बहकर उसकी जगह परीक्षा दी। जांच के दौरान पुलिस ने मनोज कुमार को गिरफ्तार किया।