मुरैना जिले के किसान धीरेंद्र राठौर ने बताया कि आसमान में उड़ रहे फाइटर प्लेन को मैं देख रहा था, अचानक वे टकराए और टूटकर गिरते हुए दिखे, उनमें दो लोग नीचे लटक रहे थे। विमान नीचे आ गिरा। मैं आगे बढ़ा तो दोनों पायलट थे। इनमें से एक ने मुझसे पानी मांगा। मैंने पानी पिलाया और रिश्तेदारों को मदद के लिए बुलाया। तब तक पुलिस पहुंच गई और पूरा एरिया कवर कर लिया। उधर, भरतपुर के नगला बीजा गांव में विमान गिरने की सूचना मिलते ही प्रशासन में हडक़ंप मच गया।
देश के दो शक्तिशाली लड़ाकू विमान सुखोई-30 और मिराज-2000 शनिवार सुबह आपस में टकराकर टुकड़े-टुकड़े हो गए। दोनों ने ग्वालियर के महाराजपुरा एयरबेस से रूटीन प्रशिक्षण उड़ान भरी थी। टक्कर के बाद सुबह करीब 10 बजे मिराज मुरैना के पहाड़गढ़ थाना क्षेत्र के मानपुर महादेव के जंगल में क्रैश हो गया। सुखोई का विंग भी मुरैना के पहाडगढ़ क्षेत्र में गिरा, पर बाकी विमान राजस्थान के भरतपुर में उच्चैन थाने के नगला बीजा गांव के पास क्रैश हुआ। सुखोई के दोनों पायलट स्क्वाड्रन लीडर विजय पाटिल और मिथुन खुद को इजेक्ट कर निकलने में कामयाब रहे, जबकि मिराज के पायलट विंग कमांडर हनुमंथ राव सारथी की मौत हो गई। सुखोई के दोनों घायल पायलट को एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से ग्वालियर आर्मी अस्पताल लाया गया।
काफी पास भर रहे थे उड़ान
उड़ान के दौरान दोनों विमान काफी पास थे। पहाडगढ़ क्षेत्र में बीहड़ के ऊपर उड़ान भरते हुए सुखोई और मिराज अचानक टकराए तो तेज धमाका हुआ। मिराज में आग लग गई। मिराज जहां गिरा, वह आबादी क्षेत्र से दूर जंगल का इलाका है। इससे जनहानि नहीं हुई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान से हादसे की जानकारी मांगी है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी भी लगातार अपडेट देते रहे। पूर्व सैन्य अधिकारी बी.एस. जसवाल ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि ये दोनों फ्रंटलाइन एयरक्राफ्ट्स हैं। सुखोई-30 और मिराज में एक साथ तकनीकी खामी आना नामुमकिन है। हो सकता है कि किसी एक में गड़बड़ी आई हो और वह दूसरे के साथ टकरा गया हो। उन्होंने कहा, टक्कर की वजह ब्लैक बॉक्स से पता चलेगी।
वायुसेना ने दिए जांच के आदेश
वायुसेना ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। गणतंत्र दिवस समारोह की परेड के दो दिन बाद इस तरह का नुकसान बड़ा झटका माना जा रहा है। मिराज-2000 लंबे समय से भारतीय वायुसेना का हिस्सा है। फरवरी 2019 में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए भारतीय वायुसेना के जिन 12 फाइटर जेट ने नियंत्रण रेखा पार की थी, वे मिराज-2000 ही थे।