दरअसल पिछले कुछ माह में टे्रन से कटकर हुई मौत के बाद रेल प्रशासन ने ओवरब्रिज से रेल फाटक तक छह फीट ऊंची दीवार खड़ी कर दी है। ताकि लोग रेल पटरी क्रास न करें। इससे हादसे रुकेंगे। बावजदू इसके लोग अभी भी पटरी पार कर रहे है। हादसों के बाद भी लोग लापरवाह बने हुए है। हालांकि अंडरब्रिज निर्माण का प्रस्ताव है लेकिन अभी तक वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है जिससे प्रस्ताव अटका है।
जनवरी से अभी तक करीब 25 हादसे हो चुके हैं। इसमें करीब ६ ऐसे है जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। सितंबर माह में ही चार हादसे हुए है इसलिए अंडरब्रिज का बनना आवश्यक है। इधर, रेलवे प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर लापरवाह बना है।
सराफा रोड की दीवार भी उठाई: रेलवे प्रबंधन द्वारा करीब दो साल पहले सराफा बाजार से स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क को भी सिंधी बाजार के पास दीवार को उठाकर बंद कर दिया था। इस सड़क को बंद करने के संबंध में तात्कालीन डीआरएम ने यह कहा था कि, इस क्षेत्र में घटनाएं अधिक होती है इसलिए दीवार को उठाया गया है। इस दीवार को उठाने के बाद भी हर माह ट्रेन से कटने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है। लोगों का मानना है कि दीवार उठाना समस्या का हल नही है, अंडरब्रिज बनाना आवश्यक है।
यहां नहीं करते अब पटरी पार: जेल रोड, उपजेल और चीनोर रोड जाने के लिए अब लोग पटरी पार नहीं करते है क्योंकि कुछ दिनों पहले खेरी हनुमान मंदिर के पास से अंडरब्रिज का निर्माण होने से अब लोग अंडर ब्रिज का उपयोग करते हुए निकलते है जिससे वहां पर कुछ दिनों से हादसों में अंकुश लगा है।
“अंडरब्रिज बनने से लोग रेल पटरी पार नहीं करेंगे। जिससे हादसों पर अंकुश लगेगा। क्योंकि नगर दो भागों में बंटा है और बीच में से रेल पटरी निकली है। इसलिए अंडरब्रिज का बनना आवश्यक है।”
अनिल परसोलवाल, एडवोकेट
“नगर का मुक्तिधाम जवाहरगंज क्षेत्र में बना है जिस कारण सुभाषगंज क्षेत्र के लोगों को अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा को भी पटरी पार करके ले जाना पड़ता है। कई बार ट्रेन आने पर रुकना पड़ता है ।”
बसंत कुकरेजा, समाजसेेवी