scriptसतीश बोले कि मैं 2003 युवा मोर्चा का अध्यक्ष था, पद से हटने के बाद कार्यकारिणी भंग हो जाती है | Satish said that I was the President of Yuva Morcha in 2003, after le | Patrika News
ग्वालियर

सतीश बोले कि मैं 2003 युवा मोर्चा का अध्यक्ष था, पद से हटने के बाद कार्यकारिणी भंग हो जाती है

विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सोमवार को उसे मामले की सुनवाई की, जिसमें संघ व भाजपा पर आपत्ति जनक टिप्पणी करने राज्यसभा सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दायर की है। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार गवाही के लिए न्यायालय में उपस्थित हुए। सिकरवार ने कहा कि मैं 2003 तक युवा मोर्चा का अध्यक्ष था। अध्यक्ष के हटने के बाद कार्यकारिणी भंग हो जाती है।

ग्वालियरJan 22, 2024 / 10:16 pm

Balbir Rawat

सतीश बोले कि मैं 2003 युवा मोर्चा का अध्यक्ष था, पद से हटने के बाद कार्यकारिणी भंग हो जाती है

सतीश बोले कि मैं 2003 युवा मोर्चा का अध्यक्ष था, पद से हटने के बाद कार्यकारिणी भंग हो जाती है

दिग्विजय सिंह की ओर से सवाल किया गया कि सदस्य को क्या अधिकार होते हैं। सिकरवार का कहना था कि पार्टी का संविधान नहीं पढ़ा है। इस वजह से अधिकारों की जानकारी नहीं है।अवधेश सिंह भदौरिया 2018 तक भाजपा में थे। 2020 में भाजपा छोड़ चुका हूं। 3 फरवरी को इस मामले में दिग्विजय सिंह कंप्यूटर ऑपरेटर को गवाही के लिए बुलाया है।सन 2019 में दिग्विजय सिंह ने भिंड में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी, बजरंग दल पर आरोप लगाया था कि लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से रुपए लेकर भारत की जासूसी करते हैं। इस बयान को लेकर अवधेश सिंह भदौरिया ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का दावा पेश किया है। दिग्विजय सिंह अपने बचाव में साक्षी के रूप में सतीश सिकरवार को पेश करना चाहते हैं। क्योंकि भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष रहते सतीश सिकरवार ने अवधेश सिंह भदौरिया को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया था। सतीश सिकरवार न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रही थे, इसके चलते कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया था। इस वारंट के चलते सतीश सिकरवार न्यायालय में उपस्थित हुए। उन्होंने दिग्विजय सिंह के अधिवक्ता के सवालों का जवाब दिया।

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