Water War: इतिहास में पहली बार राजस्थान में नहरों की निगरानी को बिठाए मप्र ने कर्मचारी
जानकारों की माने तो लीकेज और सीपेज में करीब 200 से 400 एमसीएफटी पानी ही व्यय होगा, जबकि शेष 500 एफसीएफटी पानी की चोरी की संभावना है। अगर पुलिस और राजस्व विभाग के अफसर अगले दो माह ककेटो पहसारी से आने वाली नहर पर चौकसी बढ़ा दें तो न केवल 2 करोड़ रुपए से अधिक के 500 एमसीएफटी पानी को बचाया जा सकता है। वरन शहर के लिए यह बूस्टर डोज होगा इससे अगली बरसात तक आसानी से शहर की जरूरतें पूरी की जा सकेंगी। एेसे हालात में शहर में दो दिन छोड़कर पानी देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
देर कर दी
अफसरों ने बहुत देर कर दी पानी को लाने में। इन्हें तब ही पानी पंप करके लाना चाहिए था, जब ककेटो पहसारी के लाइव स्टोर को तिघरा के लिए छोड़ा गया था। उस समय न लीकेज, न चोरी होने का डर था। बहरहाल अब केवल पुलिस और प्रशासन के अधिकारी रात दिन चौकसी करें तो करोड़ों के पानी को बचाया जा सकते हैं।
केके सारस्वत, रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री पीएचई
होगा पानी घोटाला
पानी घोटाला होने की पूरी संभावना है, परिषद में बता दिया था। अब अफसर 2100 में 800 से 900 एमसीएफटी पानी लीकेज सीपेज और चोरी होने की संभावना जता रहे हैं, जबकि शासन प्रशासन काम कर रहा है तो फिर चोरी कैसे हो सकती है लीकेज सीपेज के नाम पर करोड़ों का खेल होगा तिघरा फिर भी खाली रह जाएगा।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष ननि
हमने जिला प्रशासन और पुलिस से चर्चा की है। वहां से मदद मिलने पर पानी की निगरानी के काम को आगे बढ़ाया जा सकता है। हम इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
विनोद शर्मा, आयुक्त नगर निगम