सावन में बन रहे हैं कई विशेष योग, इन जातकों पर जमकर होगी धन की वर्षा
ग्वालियर। आगामी 17 जुलाई से प्रारंभ होने वाले पवित्र सावन माह में इस बार कई संयोग बन रहे हैं, जिसमें इस बार 125 सालों बाद हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है। भगवान शिव के खास दिन माने जाने वाले सोमवार को नागपंचमी आ रही है। वहीं सालों बाद स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक ही दिन रहेगा। सावन मास प्रारंभ होने के पूर्व ही खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। सावन का शुभारंभ 17 जुलाई से हो रहा है। इस दिन वज्र और विष कुंभ योग बन रहा है। इस बार 30 दिन का सावन है, जिसमें चार सोमवार आएंगे।
इसे भी पढ़ें : सोना-चांदी खरीदने से पहले जरूर पढ़ लें यह खबर, कहीं आप तो नहीं हो रहे ठगी के शिकार तीसरे सोमवार को त्रियोग का संयोग है जो विशेष फलदायी होगा। सावन मास प्रारंभ होने के पूर्व 16 व 17 जुलाई की रात मध्य रात्रि को खंडग्रास चंद्रग्रहण का योग है। यह चंद्रग्रहण समग्र भारत वर्ष में दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक पूर्णिमा 16 जुलाई को दोपहर 4.32 बजे से शुरू हो जाएगा। ग्रहण का स्पर्श 17 जुलाई की रात्रि 1.32 बजे होगा। ग्रहण मध्यकाल 3.1 मिनट व ग्रहण का मोक्ष 4.30 मिनट पर होगा। ग्रहण की समयावधि 2.58 मिनट रहेंगी। पं. गिर्राज शास्त्री ने बताया यह ग्रहण उत्तराषाढ़ नक्षत्र व धनु राशि में होगा। यह ग्रहण धनु व मकर दो राशियों में हो रहा है। ग्रहण की अवस्था में ध्यान, दान का विशेष महत्व है।
इसे भी पढ़ें : दुल्हन की शादी के लिए शर्त- 100 पौधे लगाओ फिर बारात लाना, ससुराल की रजामंदी पर हुए सात फेरेहरियाली अमावस्या पर पंच महायोग एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर इस बार पंच महायोग का संयोग बन रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो यह संयोग 125 साल में बन रहा है। इस दिन पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु कुस्या मृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग है। पंच महायोग के संयोग में कुल के देवी-देवता तथा मां पार्वती की पूजा मनोवांछित फल पाने की लिए की जाती है।
19 साल बाद स्वतंत्रता दिवस और राखी एक साथ स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त को चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में रक्षाबंधन का संयोग बन रहा है। 19 साल पहले 2000 में ऐसा योग बना था। ज्योतिषयों के अनुसार रात 9 बजे बाद पंचक शुरू होगा, इसलिए इससे पूर्व रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने का मुहूर्त श्रेष्ठ हैं। इस बार सावन में नागपंचमी 5 अगस्त सोमवार को होकर विशेष योग लेकर आ रही हैं। 20 साल बाद यह योग बना हैं।
इसे भी पढ़ें : VIDEO : नशे के इंजेक्शन में स्मैक मिलाकर लेती थी यह युवती, मौत के बाद चबूतरे पर छोड़ दी बॉडी इससे पहले सावन मास में सोमवार को नागपंचमी का संयोग 16 अगस्त 1999 में बना था और आगामी समय में 21 अगस्त 2023 को यह योग फिर बनेगा। नागपंचमी पर सोमवार की युक्ति अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए सर्वोत्तम मानी है साथ ही पितृ शांति कालसर्प योग शांति के लिए सर्वोत्तम सिद्ध योग है। इस योग में शिवजी का रुद्राभिषेक पूजन सर्व मनोकामना सिद्धि के लिए अचूक माना जाता है।
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