इस मंदिर के दर्शन करने के बाद ही नव वर-वधु वैवाहिक जीवन में करते है प्रवेश,ऐसी है इनकी महिमा
क्या है खासियत
यहां श्रावण मास एव? शिवरात्रि ?? पर मेला भी भरता है।टपकेश्वर मंदिर की विशेषता यह है कि इस गुफा में गर्मियों में ठंडी हवा आती है जबकि सर्दियों में यहां गर्म हवा सुकून देती है। यदि मंदिर प्रकृति की गोद में होने के कारण बहुत ही रमणीय स्थल है। मंदिर पर पूजा करने आने वाले भक्तों को यहां मौसम इतना अच्छा लगता है कि वे यहां कुछ देर रुकते जरूर हैं।
उल्का पिंड गिरने से बनी पहाड़ी
भूगर्भ शास्त्रियों के मुताबिक इस पहाड़ी का निर्माण करीब 2500 मिलियन वर्ष पूर्व उल्का पिंड गिरने से हुए गड्ढे की वजह से हुआ था। यह गड्ढा उल्का पिंड गिरने से निर्मित भारत में दूसरा सबसे बड़ा गड्ढा है, जिसका व्यास करीब 11 किलोमीटर में है।
शिवपुरी शहर सहित आस-पास के क्षेत्र में कई प्रसिद्ध शिवमंदिर मौजूद हैं, जहां की अलग-अलग मान्यता हैं। शिवपुरी को भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है। यह सिंधिया राजवंश की ग्रीमकालीन राजधानी भी रही है। शिवपुरी शहर अपने झरनों के लिए काफी मशहूर भी है।