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ग्वालियर

जेल के अंदर ऑर्डर पर मिलता है हर सामान, सामान पहुंचाने का तरीका सुनकर चौंक जाएंगे

जेल में कैदियों को ऑर्डर देने पर हर सामान मुहैया हो जाता है। उनकी ऐश में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती, मगर सबकी कीमत चुकाना पड़ती है। सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन ये सच है।

ग्वालियरJul 22, 2017 / 09:40 am

shyamendra parihar

jail security

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ग्वालियर। जेल में कैदियों को ऑर्डर देने पर हर सामान मुहैया हो जाता है। उनकी ऐश में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती, मगर सबकी कीमत चुकाना पड़ती है। सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन ये सच है। जेल के अंदर अवैध रूप से खाने पीने का सामान पहुंचाने का नया मामला सामने आया है।

मवेशियों के चारे में छिपाकर बंदियों के लिए रसद पहुंचाने के बाद जेल एम्बुलेंस में छिपाकर बंदियों के लिए खाने-पीने का सामान पहुंचाने का मामला सामने आने आया है। इसमें तीन जेलकर्मियों की मिलीभगत सामने आई है। रसद की तस्करी ने जेल मुख्यालय के कान खड़े कर दिए हैं।




एडीजीपी जेल मीणा ने किया जेल का दौरा
जेल अफसर मान रहे हैं बिना जेलकर्मियों की मिलीभगत के यह काम नहीं चल सकता। जिस तरह रसद की तस्करी हो रही है उस जरिए बंदियों को हथियार, मोबाइल और घातक चीजें भी मुहैया कराई जा सकती हैं। इन मामलों की जांच करने के लिए शुक्रवार शाम करीब 6 बजे एडीजीपी जेल गाजीराम मीणा ग्वालियर पहुंचे। उन्होंने जेल अधिकारियों से पूछा- सख्ती के बाद तस्करी का धंधा कैसे चल रहा था।

इस मामले में सिर्फ चारे की गाड़ी चालक देवी सिंह पर ही केस दर्ज कराया ठेकेदार गब्बर सिंह को क्लीन चिट क्यों दी गई। ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करो और उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई कराओ। इसके अलावा जेल की एम्बुलेंस से बंदियों के बिस्कुट, नमकीन, चाय, कॉफी चोरी छिपे क्यों पहुंचाई जा रही थी। इसमें तो जेलकर्मी ही शामिल हैं।




 अगर जेल के कर्मचारी ही सुरक्षा में सेंध लगाएंगे तो कैसे काम चलेगा। जेल अधीक्षक एनपी ङ्क्षसह ने बताया एम्बुलेंस भी 12 जुलाई को बंदियों के लिए खाने पीने का सामान लाते हुए पकड़ी गई। इसमें वाहन चालक सुदामा पालिया, आरक्षक आशुतोष शर्मा और धीरेन्द्र कौशिक की मिलीभगत सामने आई थी। तीनों को सस्पेंड कर उनका तबादला किया गया है।

बंद मिले कैमरे
जेल के अंदर सुरक्षा के लिहाज से 42 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन एडीजीपी मीणा ने जेल का निरीक्षण किया तो उस वक्त करीब 10 कैमरे बंद मिले। जेल अधीक्षक का कहना था कैमरे में तकनीकि खामियों से बंद हैं। उन्हें ठीक करने में पैसा खर्च होगा प्रस्ताव जेल मुख्यालय भेजा गया है।



इस तरह जाता था जेल में सामान
जेल एम्बुलेंस मरीज को लेकर अस्पताल जाती है। जब मरीज की जेल वापसी होती है तो परिजन जेल के अंदर उसके खाने-पीने के सामान का इंतजाम कर एम्बुलेंस के जरिए पहुंचाते थे। जाहिर है इसमें मरीज को अस्पताल ले जाने वाले जेलकर्मियों की मिलीभगत है। जेल गेट पर दूसरे वाहन और अंदर आने वाले बंदियों की तलाशी होती है लेकिन जेल एम्बुलेंस पर शक की गुजाइंश नहीं होती। 

साजिश नाकाम
सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा सीरियल किलर सरमन शिवहरे की सलाखों से फरार होने की एक और साजिश नाकाम हुई है। इस बार खूंखार हत्यारे सरमन ने भागने में शातिर वाहन चोर प्रदीप राठौर से मदद मांगी थी क्योंकि चोर प्रदीप पुलिस की कस्टडी से भागने में माहिर है। हालांकि ये डील कारगर नहीं हुई। साजिश की भनक लगने पर जेल में दोनों की मुलाकात पर पाबंदी लगा दी। 

जेल सुरक्षा का ब्लूप्रिंट
“प्रदेश की सभी जेल को 100 फीसदी सीसीटीवी सर्विलांस में रखा जाएगा। जिन जेलों में सिर्फ एक चाहरदीवारी है वहां डबल बाउंड्री कर इलेक्ट्रेक्लि फेंसिंग कराई जाएगी। जेल में वॉच टॉवर और हाई मास्ट लगाए जा रहे हैं। इसमें जेलकर्मियों की मिलीभगत की आंशका है। दोषी जेलकर्मियों पर बर्खास्ती की कार्रवाई होगी।”
गाजीराम मीणा, जेल एडीजीपी
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