ग्वालियर

साडा की ग्राउंड रिपोर्ट: 26 साल में 6 अरब रुपए खर्च फिर भी बसाहट नहीं, 364 आवासों में खर्च किए 100 करोड़

साडा की ग्राउंड रिपोर्ट : 26 साल में 6 अरब रुपए खर्च फिर भी बसाहट नहीं, 364 आवासों में खर्च किए 100 करोड़

ग्वालियरApr 26, 2018 / 09:26 am

Gaurav Sen

ग्वालियर। नया शहर बसाकर विशेष क्षेत्र विकसित करने की योजना को लगभग २६ साल हो चुके हैं। ५ अरब रुपए से अधिक राशि सीवर, बिजली, सड़कों पर खर्च कर दी गई है। ३६४ आवासों पर १०० करोड़ रुपए लुटाने के बाद भी किसी मकान, ईडब्ल्यूएस में कोई भी परिवार रहने नहीं आया है। साडा प्रबंधन ने लोगों आकर्षित करने के बजाय इस बार के बजट में फिर से प्रत्येक योजना के लिए २ से ५ करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। अगर आमजन को सुविधा, सुरक्षा और संसाधन उपलब्ध होने का विश्वास दिलाया जाता तो बसाहट होने के साथ लगभग एक लाख की आबादी के दबाव को शहर से कम किया जा सकता था। अब फिर से ए-१-२ और सी सेक्टरों में विद्युतीकरण के लिए २ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

यह भी पढ़ें

बेटियों पर बुरी नजर डालने वाला MP में सुरक्षित नहीं रहेगा : सीएम शिवराज



नीलकमल योजना
10 करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से 600 फ्री होल्ड प्लॉट विकसित करके बसाहट करनी थी। इस पर 6 करोड़ ७५ लाख रुपए खर्च हो गए हैं। बसाहट नहीं हो सकी है। नए बजट में ३ करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है।

यह भी पढ़ें

शादी से पहले इस घर से उठी अर्थी,अब तक 9 लोगों की गई जान, कमजोर दिल वाले न देखें वीडियो



सौजना हाउसिंग प्रोजेक्ट
236 आवास तैयार करने के लिए 16 नवंबर 2011 को आदेश हुआ था और 31 दिसंबर 2015 को काम पूरा होना था। 45 करोड़ 17 लाख रुपए से अधिक लागत आई है। आवास तैयार हैं, लेकिन रहने को कोई तैयार नहीं है। यहां विकास कार्यों पर 5 करोड़ 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।


बरा आवासीय योजना
30 जून 2014 को आदेश हुआ। काम 31 मार्च 2016 तक पूरा होना था। लागत 8 करोड़ 5 लाख रुपए आंकी गई थी। इसके अंतर्गत २५० फ्री होल्ड प्लॉट विकसित होने हैं। अब तक १ करोड़ ५० लाख रुपए से अधिक खर्च हो गए हैं। इस बार के बजट में ४ करोड़ ५० लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।


ईडब्ल्यूएस भवन निर्माण
२८८ आवासों का निर्माण करने के लिए २२ दिसंबर २०१४ को आदेश हुआ था। २२ जून २०१६ को काम पूरा होना था। १३ करोड़ ८४ लाख रुपए खर्च होने हैं। इसमें से २ करोड़ रुपए खर्च भी हो गए हैं। इसके बाद भी जमीन के सीमांकन का विवाद शांत नहीं हुआ है।

एलआइजी

128 भवन बनाने के लिए 28 अगस्त 2012 को आदेश हुआ था। लगभग १० करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी यहां सीवर, पानी आदि की सुविधा नहीं है। आवासों का आवंटन हो चुका है, लेकिन रहने कोई नहीं आया। नए बजट में २ करोड़ ७ लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।

यह है नया बजट
विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए २ करोड़ २७ लाख ९२ हजार रुपए के लाभ का बजट पेश किया है। इसमें 73503.95 लाख रुपए की आय बताई गई है और ७३२७६.०३ लाख रुपए का व्यय बताया गया है। साडा के१८१ गांवों को मिलाकर ७५ हजार हैक्टेयर जमीन पर विकास योजना-२०३१ तैयार की गई है।

यह काम हैं प्रस्तावित
२०० हैक्टेयर जमीन को शैक्षणिक संस्थाओं के लिए विकसित किया जा रहा है। इसकी भूमि का अधिग्रहण करने के लिए २ करोड़ रुपए का प्रावधान है। मनोरंजन और सामान्य विकास के लिए १०-१० लाख रुपए, २४ किलोमीटर लंबे बायपास के लिए २८६०० लाख रुपए की डीपीआर तैयार की गई है। मल्टीपरपज कांप्लेक्स का निर्माण कराने के लिए ६० लाख रुपए से काम जारी हैं, ४८० लाख रुपए प्रदेश सरकार से मांगे गए हैं। स्टॉप डैम का निर्माण करने को ५० लाख रुपए चाहिए।

किया जा रहा है प्रयास
संचालित और प्रस्तावित योजनाओं के लिए इस बार के बजट में भी प्रावधान किया गया है। साडा बायपास बनने के बाद इस क्षेत्र में पहले से ज्यादा आवाजाही हो जाएगी।
राकेश जादौन, अध्यक्ष-विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण

Hindi News / Gwalior / साडा की ग्राउंड रिपोर्ट: 26 साल में 6 अरब रुपए खर्च फिर भी बसाहट नहीं, 364 आवासों में खर्च किए 100 करोड़

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.