आशंका है कि हत्यारों को पता था अभिषेक किस रास्त से टयूशन आता-जाता है। हत्यारों नेे मैदान में शाम के सन्नाटे का फायदा उठाकर वारदात की। अभिषेक ने जख्मी होने के बाद जान बचाने साइकिल छोड़कर भागना चाहा होगा, लेकिन हत्यारे उसे जिंदा नहीं छोडऩा चाहते थे। उन्होंने उसकी छाती में चाकू के १० वार किए। कंधे, गले व माथे पर भी चाकू मारे।
मिजेन्द्र माहौर निवासी पिंटो पार्क ने बताया फुफेरा भाई अभिषेक ट्यूशन के बाद मंगलवार को यहां आया था। उसके पास दो मोबाइल थे। एक फोन उसका था दूसरा किसी दोस्त से लाया था। अभिषेक ने बताया था कि दोस्त चौराहे पर इंतजार कर रहा है। १५ मिनट में वहां पहुंचना है लेकिन वह चौराहे तक नहीं पहुंच सका। हत्यारों ने उसे रास्ते में ही मार डाला।
परिजन ने गांव की रंजिश बताकर छह लोगों पर शक जाहिर किया है लेकिन अभिषेक की जेब से दो मोबाइल गायब हैं। इस थ्योरी में पुलिसी है कि रंजिश रखने वाले अगर जान ली है तो उससे मोबाइल क्यों लूटेंगे। हत्या में मोबाइल या कुछ और भी वजह हो सकती है इस आशंका भी इनकार नहीं किया जा रहा है।
परिजन ने बताया अभिषेक की तलाश में रात को मैदान में आकर भी उसे तलाशा था, लेकिन आभास नहीं था कि नादान लड़के से कोई दुश्मनी निकाल सकता है, इसलिए मैदान पर सरसरी नजर डालकर लौट गए। सुबह वहीं अभिषेक का शव मिला।
अजीत सिंह चौहान, टीआई, गोला का मंदिर