रखवाली के बदले मिलते थे रुपए
अफीम के खेतों से पकड़े गए पूरन कुशवाह ने कड़ी पूछताछ में यह भी जानकारी उगली है कि डोंगरपुर की जमीन पर हो रही अफीम की खेती को लेकर लगातार जानकारी छिपाई जा रही थी। खेती कराने वालों ने रखवाली और पानी देने के लिए उसको निश्चित धनराशि के बदले रखा था। पूरन द्वारा किए गए खुलासे के बाद नारकोटिक्स के अधीक्षक एसपी सिंह, रजनीश शर्मा, वीपी सिंह और अविनाश मिश्रा का दल अमरौल पहुंचा था। टीम ने अचानक दबिश दी लेकिन पूरन सिंह द्वारा बताए गए दोनों आरोपी घर से फरार मिले।
वर्षों से जारी है विवाद
शनिवार को हुई कार्रवाई के बाद पुतलीघर-डोंगरपुर मौजे में स्थित जमीन को लेकर व्यवसाई सुदर्शन झंवर ने बताया था कि जमीन पर साबिर अली ने कब्जा किया था। इसको लेकर अलग-अलग न्यायालय में वाद विचाराधीन है, जबकि खसरा 408 की जमीन को लेकर व्यवसाई सुनील गांधी ने बताया था कि इस सर्वे नंबर को दो मिन नंबरों में बांटा गया है, जिसमें से एक उनके नाम पर है और जिस जमीन पर अफीम की खेती मिली है, उस पर किसी तेजसिंह का नाम दर्ज है। व्यवसाईयों का कहना था कि इस अवैध खेती से उनका कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में जानकारी मिली है कि डोंगरपुर क्षेत्र की इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर वर्षों से विवाद जारी है। क्षेत्र की सिर्फ आठ बीघा जमीन ही नहीं बल्कि करीब 53 बीघा जमीन को लेकर व्यवसाई और अन्य के बीच विवाद चला आ रहा है।
अफीम के खेतों से पकड़े गए पूरन कुशवाह ने कड़ी पूछताछ में यह भी जानकारी उगली है कि डोंगरपुर की जमीन पर हो रही अफीम की खेती को लेकर लगातार जानकारी छिपाई जा रही थी। खेती कराने वालों ने रखवाली और पानी देने के लिए उसको निश्चित धनराशि के बदले रखा था। पूरन द्वारा किए गए खुलासे के बाद नारकोटिक्स के अधीक्षक एसपी सिंह, रजनीश शर्मा, वीपी सिंह और अविनाश मिश्रा का दल अमरौल पहुंचा था। टीम ने अचानक दबिश दी लेकिन पूरन सिंह द्वारा बताए गए दोनों आरोपी घर से फरार मिले।
वर्षों से जारी है विवाद
शनिवार को हुई कार्रवाई के बाद पुतलीघर-डोंगरपुर मौजे में स्थित जमीन को लेकर व्यवसाई सुदर्शन झंवर ने बताया था कि जमीन पर साबिर अली ने कब्जा किया था। इसको लेकर अलग-अलग न्यायालय में वाद विचाराधीन है, जबकि खसरा 408 की जमीन को लेकर व्यवसाई सुनील गांधी ने बताया था कि इस सर्वे नंबर को दो मिन नंबरों में बांटा गया है, जिसमें से एक उनके नाम पर है और जिस जमीन पर अफीम की खेती मिली है, उस पर किसी तेजसिंह का नाम दर्ज है। व्यवसाईयों का कहना था कि इस अवैध खेती से उनका कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में जानकारी मिली है कि डोंगरपुर क्षेत्र की इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर वर्षों से विवाद जारी है। क्षेत्र की सिर्फ आठ बीघा जमीन ही नहीं बल्कि करीब 53 बीघा जमीन को लेकर व्यवसाई और अन्य के बीच विवाद चला आ रहा है।
जिनके नाम जमीन वे भी रडार पर
राजस्व के खसरा 406,407 और 408 में शहर के सराफा बाजार निवासी प्रतिष्ठित व्यवसाई, हरीशंकर पुरम निवासी व्यवसाई के नाम पर जमीन दर्ज है। इसमें खसरा 408 के मिन नंबर में तेजसिंह का भी नाम दर्ज है। सरकारी दस्तावेज में भू स्वामी के रूप में दर्ज लोग भी नारकोटिक्स के राडार पर हैं।
राजस्व के खसरा 406,407 और 408 में शहर के सराफा बाजार निवासी प्रतिष्ठित व्यवसाई, हरीशंकर पुरम निवासी व्यवसाई के नाम पर जमीन दर्ज है। इसमें खसरा 408 के मिन नंबर में तेजसिंह का भी नाम दर्ज है। सरकारी दस्तावेज में भू स्वामी के रूप में दर्ज लोग भी नारकोटिक्स के राडार पर हैं।