script50 हजार रुपए के लालच में दो लोग करा रहे थे खेती, दबिश से पहले भागे | Two people were farming under the greed of 50 thousand rupees, fled be | Patrika News
ग्वालियर

50 हजार रुपए के लालच में दो लोग करा रहे थे खेती, दबिश से पहले भागे

खेत से पकड़े पूरन कुशवाह ने पूछताछ में बताया

ग्वालियरFeb 22, 2021 / 06:34 pm

prashant sharma

50 हजार रुपए के लालच में दो लोग करा रहे थे खेती, दबिश से पहले भागे

50 हजार रुपए के लालच में दो लोग करा रहे थे खेती, दबिश से पहले भागे

ग्वालियर. कलेक्ट्रेट से करीब ढाई किलोमीटर दूर और हाईवे से लगे हुए क्षेत्र में शनिवार को नारकोटिक्स और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में आठ बीघा जमीन पर अफीम की खेती का पर्दाफाश हुआ था। इस दौरान खेतों से नारकोटिक्स के अधिकारियों ने पूरन सिंह कुशवाह को पकड़ा था। इसके बाद से पूरन से पूछताछ जारी है। पूरन ने अधिकारियों को बताया है कि अमरोल निवासी प्राण सिंह और मोहन सिंह 50 हजार रुपए का लालच देकर खेती करा रहे थे। आरोपी से मिली लीड के आधार पर नारकोटिक्स टीम ने रविवार को अमरोल स्थित प्राण सिंह और मोहन के घर पर दबिश दी लेकिन वे दोनों गायब मिले। अब टीम सूचना के आधार पर अन्य जगहों पर भी दबिश देने की तैयारी कर रही है। सूत्र बताते हैं कि जिले में चल रहे काले सोने के इस गोरखधंधे में अन्य लोगों के लिप्त होने की भी संभावना है और अब जिनके नाम सामने आ चुके हैं, उनके अलावा संदेह के आधार पर अन्य लोगों का भी डेटा निकाल रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि ग्वालियर में हो रही अफीम की खेती के तार ड्रग माफिया से भी जुड़े हो सकते हैं।
रखवाली के बदले मिलते थे रुपए
अफीम के खेतों से पकड़े गए पूरन कुशवाह ने कड़ी पूछताछ में यह भी जानकारी उगली है कि डोंगरपुर की जमीन पर हो रही अफीम की खेती को लेकर लगातार जानकारी छिपाई जा रही थी। खेती कराने वालों ने रखवाली और पानी देने के लिए उसको निश्चित धनराशि के बदले रखा था। पूरन द्वारा किए गए खुलासे के बाद नारकोटिक्स के अधीक्षक एसपी सिंह, रजनीश शर्मा, वीपी सिंह और अविनाश मिश्रा का दल अमरौल पहुंचा था। टीम ने अचानक दबिश दी लेकिन पूरन सिंह द्वारा बताए गए दोनों आरोपी घर से फरार मिले।
वर्षों से जारी है विवाद
शनिवार को हुई कार्रवाई के बाद पुतलीघर-डोंगरपुर मौजे में स्थित जमीन को लेकर व्यवसाई सुदर्शन झंवर ने बताया था कि जमीन पर साबिर अली ने कब्जा किया था। इसको लेकर अलग-अलग न्यायालय में वाद विचाराधीन है, जबकि खसरा 408 की जमीन को लेकर व्यवसाई सुनील गांधी ने बताया था कि इस सर्वे नंबर को दो मिन नंबरों में बांटा गया है, जिसमें से एक उनके नाम पर है और जिस जमीन पर अफीम की खेती मिली है, उस पर किसी तेजसिंह का नाम दर्ज है। व्यवसाईयों का कहना था कि इस अवैध खेती से उनका कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में जानकारी मिली है कि डोंगरपुर क्षेत्र की इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर वर्षों से विवाद जारी है। क्षेत्र की सिर्फ आठ बीघा जमीन ही नहीं बल्कि करीब 53 बीघा जमीन को लेकर व्यवसाई और अन्य के बीच विवाद चला आ रहा है।
जिनके नाम जमीन वे भी रडार पर
राजस्व के खसरा 406,407 और 408 में शहर के सराफा बाजार निवासी प्रतिष्ठित व्यवसाई, हरीशंकर पुरम निवासी व्यवसाई के नाम पर जमीन दर्ज है। इसमें खसरा 408 के मिन नंबर में तेजसिंह का भी नाम दर्ज है। सरकारी दस्तावेज में भू स्वामी के रूप में दर्ज लोग भी नारकोटिक्स के राडार पर हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो