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ग्वालियर

सब्जीवाले और पेंटर को पहनाई पुलिस की वर्दी, ऐसे चल रहा था उगाही का खेल

आरटीआइ के जरिए मामले का खुलासा किया है

ग्वालियरNov 21, 2019 / 01:18 am

prashant sharma

सब्जीवाले और पेंटर को पहनाई पुलिस की वर्दी, ऐसे चल रहा था उगाही का खेल

सब्जीवाले और पेंटर को पहनाई पुलिस की वर्दी, ऐसे चल रहा था उगाही का खेल

नकली पुलिसवाला बनाया फंसे आरआई
ग्वालियर। पेंटर,सब्जी वाले और मजदूरों को खाकी वर्दी पहना कर उन्हें नकली पुलिस वाला बनाकर उनसे उगाही की शिकायत में आरआई अरविंद दांगी उलझ गए हैं। मामले की जांच में डीएसपी विजय भदौरिया ने प्राइवेट लोगों को पुलिस की वर्दी पहनाने की पुष्टि की।अब व्हिसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने आरटीआइ के जरिए मामले का खुलासा किया है और पुलिस अफसरों से कहा है धारा 171 के तहत जब पुलिस की वर्दी से मेल खाते हुए कपड़े पहनना भी जुर्म माना जाता है तो प्राइवेट लोगों को पुलिस के बैच, टोपी लगाकर वर्दी कैसे पहनाइ गई। जबकि फर्जीवाड़ा करीब एक साल से पुलिस अफसरों को भी पता था। फिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उधर मामला सामने आने पर पुलिस अफसर कुछ बोलने से बच रहे हैं।
आशीष चतुर्वेदी निवासी नाका चंद्रवदनी का कहना है कि करीब एक साल पहले 27 दिसंबर को मेला को मेला ग्राउंड में यातायात थाने पर रिंकेश रजक, सुरेन्द्र खरे, कमल खरे और शिवम को तत्कालीन आरआई देवेन्द्र सिंह यादव ने पुलिस की वर्दी में पकड़ा था। यादव मेला डयूटी के लिए फोर्स का निरीक्षण करने पहुंचे थे। तब चारों नकली पुलिस बनकर उनके सामने आए। उन्हें सैल्यूट किया तो उस वक्त इन लोगों ने टोपी नहीं पहनी थी, सैल्यूट का तरीका भी गलत था तो यादव को शक हुआ। उनसे पूछा कि तुम लोगों की पोस्टिंग कहां है। तब चारों ने खुलासा किया वह तो नगर रक्षा समिति के सदस्य हैं, टै्रफिक निरीक्षक अरविंद दांगी के कहने पर बैज, पुलिस का मोनो लगाकर खाकी वर्दी पहनते हैं।यादव ने चारों का फोटो खींचकर एसपी नवनीत भसीन और एएसपी क्राइम पंकज पांडये को घटना बताई थी। घटना सामने आने पर एसपी ने घटना की जांच डीएसपी विजय भदौरिया को सौंपी थी। इसमें तत्कालीन आरआई देवेन्द्र यादव, टीआई अरविंद दांगी सहित चारों युवकों के बयान लिए गए इसमें पाया गया है कि चारों ने पुलिस से मेलखाती वर्दी पहनी हुई है इनका इस्तेमाल यातायात डयूटी के लिए होना था इसकी जानकारी निरीक्षक दांगी को थी। लेकिन करीब छह महीने पहले जांच रिपोर्ट आने के बाद भी अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। आशीष का कहना है कि नगररक्षा समिति के सदस्यों को खाकी वर्दी पहना कर यातयात पुलिस बताया जा रहा है। मामला पुलिस अफसरों की जानकारी में भी आया था। एसपी भसीन ने तो आदेश भी जारी किए थे यह सरासर गलत है। भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए।
कौन क्या, फंसे तो यह दिया जवाब
सोनू (24) पुत्र सुरेन्द्र सिंह निवासी ओमनगर, पत्थर फड संचालक- जांच ने खुलासा एक साल से नगररक्षा समिति मेला ग्राउंड पर कैप्टन पद पर पदस्थ है। उसके साथ सुरेन्द, कमल, रिंकेश, गौरव, अंकित सहित 6-7 लडक़े भी समिति में शामिल हैं। तीन साल से यहां काम कर रहे हैं। निरीक्षक दांगी हमें पुलिस की वर्दी पहनाकर रात गश्त करवाते हैं। वाहन को पकडऩे में मदद लेते हैं। उसमें समिति के सदस्यों को साथ बैठाकर यातायात थाने लाया जाता है। कई वाहनों से रॉयलटी और कागजों के नाम पर 20 से 50 हजार की वसूली होती है। हमें सिर्फ 100-200 रु मिलते थे इसलिए वहां जाना बंद कर दिया था। मेला शुरु होने वाला था तो टीआई दांगी ने बुलाया था। यहां आरआई यादव ने वर्दी में देखकर कर फोटो खींचे फिर हिदायत दी इसे पहनने का अधिकार तुम्हे नहीं है।
शिवम(20) पुत्र राजकुमार निवासी श्रीनगर कॉलोनी , पेशा पेंटर- जांच में खुलासा किया थाटीपुर थाने की नगर रक्षा समिति का सदस्य रहा है। एक साल पहले कैप्टन गयाप्रसाद मेला यातायात थाने ले गए थे। नगर रक्षा समिति की वर्दी मेंं गए थे। निरीक्षक दांगी ने कहा कपडे उतार आओ स्टापर उठवा कर रखना है। जो काम बताया वह किया फिर कपडे पहने थे तब आरआई यादव आए उन्होंने बैच, टोपी चैक किया बोले यह वर्दी तुम नहीं पहन सकते दोबारा इसे मत पहनना। हमसे वसूली नहीं कराई गई।
रिंकेश (19) पुत्र जवान सिंह निवासी श्रीनगर कॉलोनी, पेशा सब्जी बेचना- उसने भी जांच में वहीं बताया जो साथी शिवम ने कहा था।
कमल (27)पुत्र फूल सिंह खरे, नदीपार टाल पेशा पेंटर – ने बयान में खुद को थाटीपुर नगर रक्षा समिति का सदस्य और बाकी वहीं बातें बताई जो उसके दो साथियों ने कहीं थीं।
सुरेन्द्र (26) ख्यालीराम खरे, नदी पार टाल, पेशा मजदूरी- बयानों में वहीं बताया जो रिंकेश, कमल ने खुलासा किया था।

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