10 से 12 ऑक्सीजन पर
इस समय यहां भर्ती मरीजों में 10 से 12 मरीज ऐसे हैं, जिनको ऑक्सीजन की जरूरत अक्सर रहती है, इसलिए इन मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।
एक जुलाई से शुरू हुआ आइसीयू
कोरोना के पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ते ही सुविधाएं भी बढ़ा दी गई है। अब सुपर स्पेशलिटी में एक जुलाई से आइसीयू भी शुरू की गई है। जिसमें ज्यादा गंभीर मरीजों को रखा जाता है। रविवार को पांच गंभीर मरीजों का इलाज आइसीयू में चल रहा है। जिसमें मुरैना और भिंड के दो- दो मरीज हैं। वहीं एक मरीज ग्वालियर का भर्ती है। पिछले कई दिनों से मुरैना और भिंड के गंभीर मरीजों को सुपर स्पेशलिटी में रैफर किया जा रहा है। इसके चलते कई की मौत भी हो चुकी है। यह मरीज काफी गंभीर होने के बाद यहां पर आते हैं।
२४ घंटे ड्यूटी
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पीटल में अभी तक नौ डॉक्टर चौबीस घंटे की ड्यूटी कर रहे थे। जिसमें 8-8 घंटे में 3-3 डॉक्टर थे, लेकिन आइसीयू शुरू करते ही अब 6-6 डॉक्टर यहां पर मरीजों के इलाज के लिए हैं। इसके साथ ही दो सह प्राध्यापक डॉ. राकेश गहरवार और डॉ. धर्मेन्द्र तिवारी सभी मरीजों की मॉनिटरिंग करके बेहतर इलाज दे रहे हैं।
हमारे यहां अच्छी रेट
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ा दी गई है। वहीं हमारे यहां से रिकवरी रेट अच्छी होने से ठीक होने वाले मरीज भी ज्यादा है। वहीं मरीजों को अब आईसीयू के साथ ऑक्सीजन की भी जरुरत पड़ रही है।
डॉ. राकेश गहरवार, सह प्राध्यापक