नया संतर मुरार निवासी मुकेश शमाü ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी मां की तबीयत खराब हुई तो उन्हें जेएएच में भतीü कराया था। वहां देखा कि मरीज और उनके अटेंडर बीमारी से तो परेशान रहते ही हैं, इसके अलावा उन्हें अस्पताल में मुफ्त में मिलने वाले दूध को गमü करने के लिए भी पैसे खचü करने पड़ते हैं। कई मरीजों और उनके अटेंडसü की माली हालत इस लायक भी नहीं होती कि 10 रुपए भी खचü कर सकें, फिर भी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए ठगने वाले बैठे हैं। इसलिए तय किया कि ऐसे लोगों की मदद के लिए कुछ किया जाए। करीब १६ महीने पहले मां कैला देवी संस्था बनाई। शुरुआत में गिने चुने लोगों को इसमें शामिल किया। मुरार अस्पताल में 5 लीटर चाय और बिस्कुट बांटे, इससे दिल को सुकून मिला तो सिलसिला शुरू हो गया। अब सप्ताह में हर रविवार और मंगलवार को सुबह 6 बजे मुरार के जच्चाखाना और सिविल अस्पताल में मरीजों को चाय और आधे घंटे बाद दलिया बांटते हैं। एक टाइम का खचü करीब 2800रुपए आता है। इसके लिए टीम चंदा करती है। मुकेश बताते हैं मुरार अस्पताल में चिकित्सक डॉ. दीपांकर बनजीü ने बड़ा योगदान दिया। शुरू में चाय बनाने के लिए भी बतüन नहीं थे, तो डॉ.बनजीü ने डॉक्टसü की केन मुहैया कराई। अब टीम बड़ी हो गई है तो चाय के साथ दलिया भी शुरू कर दिया है। दोनों अस्पताल में करीब १९० बिस्तर हैं। मरीजों के साथ उनके अटेंडसü भी होते हैं तो एक बार में करीब 250 लोगों का खाना बनाते हैं।