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जब दिखा लोगों का दर्द, तो खुद ही करने लगे मदद

जब दिखा लोगों का दर्द, तो खुद ही करने लगे मदद

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जब दिखा लोगों का दर्द, तो खुद ही करने लगे मदद

जब दिखा लोगों का दर्द, तो खुद ही करने लगे मदद

üüग्वालियर. अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके अटेंडसü को मुरार के 18 लोगों की टीम सुबह मुफ्त में चाय और दलिया मुहैया करा रही है। टीम के लोगों को इस सेवा कायü से सुकून मिलता है, जिससे इस पर होने वाला खचü भारी नहीं लगता है। शुरुआत में कुछ लोगों ने मजाक भी बनाया, लेकिन कदम बढ़ते गए तो कारवां भी बड़ा होता गया। अब टीम में ऐसे लोग भी हैं जो एक दिन के खाने का खचü खुद उठाते हैं। हालांकि किसी पर खचü का वजन नहीं पड़े, इसलिए टीम महीने में एक बार चंदा करती है। इसमें दान देने वाले के लिए एक हजार रुपए की मदद अनिवायü रखी गई है।

नया संतर मुरार निवासी मुकेश शमाü ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी मां की तबीयत खराब हुई तो उन्हें जेएएच में भतीü कराया था। वहां देखा कि मरीज और उनके अटेंडर बीमारी से तो परेशान रहते ही हैं, इसके अलावा उन्हें अस्पताल में मुफ्त में मिलने वाले दूध को गमü करने के लिए भी पैसे खचü करने पड़ते हैं। कई मरीजों और उनके अटेंडसü की माली हालत इस लायक भी नहीं होती कि 10 रुपए भी खचü कर सकें, फिर भी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए ठगने वाले बैठे हैं। इसलिए तय किया कि ऐसे लोगों की मदद के लिए कुछ किया जाए। करीब १६ महीने पहले मां कैला देवी संस्था बनाई। शुरुआत में गिने चुने लोगों को इसमें शामिल किया। मुरार अस्पताल में 5 लीटर चाय और बिस्कुट बांटे, इससे दिल को सुकून मिला तो सिलसिला शुरू हो गया। अब सप्ताह में हर रविवार और मंगलवार को सुबह 6 बजे मुरार के जच्चाखाना और सिविल अस्पताल में मरीजों को चाय और आधे घंटे बाद दलिया बांटते हैं। एक टाइम का खचü करीब 2800रुपए आता है। इसके लिए टीम चंदा करती है। मुकेश बताते हैं मुरार अस्पताल में चिकित्सक डॉ. दीपांकर बनजीü ने बड़ा योगदान दिया। शुरू में चाय बनाने के लिए भी बतüन नहीं थे, तो डॉ.बनजीü ने डॉक्टसü की केन मुहैया कराई। अब टीम बड़ी हो गई है तो चाय के साथ दलिया भी शुरू कर दिया है। दोनों अस्पताल में करीब १९० बिस्तर हैं। मरीजों के साथ उनके अटेंडसü भी होते हैं तो एक बार में करीब 250 लोगों का खाना बनाते हैं।