पांच साल पहले गजेंद्र (परिवर्तित नाम) का विवाह रोशनी (परिवर्तित नाम) से हुआ था। शादी के 15 दिन तक दोनों साथ रहे। उसके बाद पति-पत्नी ने अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में एक-दूसरे को बताया। पत्नी ने उसके साथ बलात्कार होने की बात पति को बता दी। शादी के 15 दिन बाद पति नौकरी पर चला गया। पत्नी मायके चली गई। इसके बाद दोनों के बीच विवाद होना शुरू हो गया। पति ने रोशनी को अपने साथ रखने से मना कर दिया।
इसके बाद पत्नी ने कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण का आवेदन लगाया। पति ने तलाक का आवेदन पेश कर दिया। 2019 से दोनों के बीच विवाद चला आ रहा था। पति का आरोप था कि पत्नी ने पत्नीवृत धर्म का पालन नहीं किया। ब्लू फिल्म, गंदी चैटिंग करना का शौक रखती है और रोकते हैं तो विवाद करना शुरू कर देती है।
तलाक के लिए ये तथ्य दिए
● पत्नी ने जो बात बताई, इस कारण मानसिक संतुलन बिगड़ गया। तलाक के आवेदन के साथ डॉक्टर के पर्चे भी लगाए।
● पत्नी ने स्वच्छ मंशा से विवाह नहीं किया। विवाह के पूर्व वह गर्भवती भी हुई थी। थाने में एफआइआर भी दर्ज है। जिसका कोर्ट में केस चल रहा है।
● इसलिए विवाह मान्य नहीं किया जा सकता है। विवाह शून्य की मांग की।
पत्नी के ये तर्क
● विवाह के बाद पत्नी धर्म का पालन किया और पूरी गृहस्थी भी संभाली, लेकिन पति के परिजन दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। 5 लाख रुपए का अतिरिक्त दहेज मांगने लगे।
● दहेज के लिए बेल्टों से पिटाई भी की। साथ ही घर से भी भगा दिया।
● पति को शादी के पहले की पूरी जानकारी थी, लेकिन विवाह के बाद अचानक पति पलट गया। मेंटेनेंस के लिए केस दायर किया, लेकिन दे नहीं रहा था। इसके चलते आपसी सहमति के तहत के तलाक का आवेदन दिया है।
अजय द्विवेदी, अधिवक्ता कुटुंब न्यायालय ने कहा कि पति को शादी के पहले की पूरी जानकारी थी, लेकिन विवाह के बाद अचानक पति पलट गया। मेंटेनेंस के लिए केस दायर किया, लेकिन दे नहीं रहा था। इसके चलते आपसी सहमति के तहत के तलाक का आवेदन दिया है।