31 दिसंबर को खत्म होगा कॉन्ट्रैक्ट दरअसल इससे पहले सितम्बर में ही ये योजना बंद करने का आदेश सरकार ने जारी किया था, लेकिन काफी दबाव पड़ने के बाद 31 दिसम्बर तक इनका कॉन्ट्रैक्ट बढ़ा दिया गया था। लेकिन 31 दिसम्बर के बाद ये योजना आगे चलाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिली है। इसलिए 31 दिसम्बर के बाद प्रेरकों का कॉन्ट्रैक्ट आगे नहीं बढ़ाया जाएगा और न ही मानदेय पर कोई खर्च किया जाएगा।
सभी प्रेरक हो जाएंगे बेरोजगार आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के 65 जिलों में साक्षर भारत मिशन चल रहे हैं। इसके तहत 49,921 लोक शिक्षा केंद्रों पर 99,482 शिक्षा प्रेरक काम कर रहे हैं। प्रेरकों को हर महीने इसके लिए दो हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। इनके अलावा जिले और ब्लाक में लगभग एक हजार समन्वयक भी काम करते हैं। लेकिन अब सरकार के इस फैसले के बाद ये सभी संविदाकर्मी बेरोजगार हो जाएंगे। वहीं जानकारों की अगर मानें तो शिक्षा प्रेरकों को हटाने से साक्षरता मिशन को पूरी तरह से पलीता लग जाएगा। शिक्षा प्रेरक 15 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को साक्षर बनने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन इनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद निरक्षर लोगों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने की मुहिम को झटका लगेगा।
सरकार के खिलाफ होगी लड़ाई वहीं आदर्श लोक शिक्षा वेलफेयर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष सीमा मौर्य ने कहा कि 31 दिसंबर को हमारा कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद हम प्रेरक कहां जाएंगे। सरकार 5 जनवरी से पहले हमारे भविष्य की स्थिति को साफ करे नहीं तो पूरे प्रदेश के प्रेरक सड़क पर उतरेंगे और सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई शुरू करेंगे।