जानिए क्या है पूरा मामला
गांव वालों का कहना है कि ग्राम सभा का कजरिया तालाब जिसमे पूरे गांव का गन्दा पानी एक बड़े नाले से होकर सीधा तालाब में ही आ रहा है और उस नाले की व तालाब की सफाई के लिए विगत कई वर्षों से लगातार पैसा आ रहा है लेकिन आज तक उस तालाब की सफाई नहीं हो पाई है जिससे तालाब के आस-पास रहने वाले लोगों का जीना दूभर हो गया है। तरह-तरह के रोगों से भी गांव वासी ग्रसित हो रहे हैं और एक भयानक महामारी फैलने की संभावना है।
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गांव वालों ने आरोप लगाया है कि सफाई के नाम पर ग्राम प्रधान को मिलने वाला पैसा उनके हित में खर्च न कर उस पैसे का गबन कर लिया जाता है। गांव वालों ने ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, खंड विकाश अधिकारी, SDM साहब सहित तमाम सभी आला अधिकारियों को अपना शिकायत पत्र दिया लेकिन बदले में उन्हें मिला तो सिर्फ खाली आश्वासन। आज तक किसी भी विभाग के द्वारा न तो नालों तालाब की सफाई की जा रही है और न ही गंदगी कम हो रही है। अंत में हताश होकर तालाब के किनारे रहने वाले ग्राम वासियों ने तालाब में जाने वाले एक बड़े गंदे नाले को बंद कर दिया जिससे गांव का गंदा पानी तालाब में जा रहा था। मौके पर पहुंचकर ग्राम प्रधान इमिलिया ने ग्रामवाशियों को आक्रोशित देखकर उन्हें शांत किया और तत्काल प्रभाव से तालाब की सफाई करने का आश्वासन दिया है।
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जहां एक और भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान चलाकर हर जगह साफ सफाई रखना चाहते हैं तो दूसरी तरफ इस तरह की गंदगी होना क्षेत्र के आला अधिकारियों की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।
1. आखिर सफाई के नाम पर आने वाला पैसा किस की जेब में जा रहा है ?
2. आम आम आदमी के क्षेत्र में आने वाले पैसे से आखिर आम जनमानस का भला क्यों नहीं हो रहा है?
3. आखिर कौन हैं इन सभी समस्याओं के जिम्मेदार?
इन सभी समस्याओं को देखते हुए ग्रामवासियों ने इस विषय पर जांच कर शासन प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है।