बताया कि बैंकों ने ऋण वसूली अभियान तहत छोटे किसानों को अप्रत्यक्ष रुप से प्रताड़ित किया जा रहा है। ऋण जमा नहीं कराने पर जमीन नीलामी की धमकी दी जा रही है। हालांकि किसानों की फसल पैदावार कम होने और उचित मूल्य नहीं मिलने से लगातार वे आर्थिक तंगी में हैं। जिसके चलते ऋण अदायगी नहीं कर पा रहे। लेकिन बैंक इस ओर
ध्यान नहीं देकर भूमि नीलामी प्रक्रिया अपना रहे हैं।
आप नेताओं ने कहा कि किसान की रोजी-रोटी का जरिया उसकी एकमात्र खेतीहर जमीन यदि नीलाम हो गई तो उसके परिवार को भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। ऐसी स्थिति में नीलामी नहीं करवाने के लिए पाबंद करने के आदेश बैंकों को दिए जाए। शाम चार बजे तक चले धरने दौरान हुई सभा में आप नेताओं ने भाजपा सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार किसान विरोधी है। वे धन्नासेठ और पूंजीपतियों के विकास की ओर अग्रसर हैं। किसान की हालत प्रदेश में बुरी तरह से बिगड़ी हुई है लेकिन उन्हें उनकी समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
धरने के दौरान उन्होंने सरकार की ओर से ऋण में छूट, राहत और समय देने की मांग की। वहीं, पांच जनवरी को 16 जनों की नीलामी में अपेक्षित कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से धरना देने की चेतावनी दी है। एसडीएम उम्मेद सिंह रतनू ने जरुरतमंद किसान को राहत देने और जानबूझ रकम जमा नहीं कराने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही। जबकि धरना-प्रर्दशन के दौरान पार्टी के नेता राजकुमार यादव, रविंद्र चाहर, हनुमानगढ़ विधानसभा अध्यक्ष सुरेंद्र बेनीवाल, श्याम यादव, गुरबक्शसिंह, प्रवीण, सूरतगढ़ विधानसभाध्यक्ष यशपाल, अमरजीत, राकेश, बग्गासिंह समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।