शहर को मिलेगा एक और पार्क
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शहर को मिलेगा एक और पार्क
कोहला वन क्षेत्र में ग्रीन पार्क विकसित करने का प्रोजेक्ट
निर्माण से पहले ही बजट पर कैंची
पहले 830.05 लाख से होना था निर्माण, अब 500.50 लाख रुपए का बनाया संशोधित प्लान
हनुमानगढ़. नेचर पार्क की तर्ज पर हनुमानगढ़ में बनने वाले ग्रीन पार्क को लेकर मुख्यालय ने निर्माण शुरू करने से पहले ही बजट पर कैंची चला दी है। शहर की प्रदूषित हो रही आबोहवा को स्वच्छ बनाने के लिए वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने गत दिनों ग्रीन पार्क निर्माण को लेकर 830.05 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर बजट की मांग सरकार से की थी। लेकिन मुख्य वन संरक्षक कार्यालय ने राशि व्यय को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही डीएफओ को कोहला वन क्षेत्र का निरीक्षण कर बजट खर्च करने को लेकर ठोस आधार भेजने के लिए कहा है। साथ ही ग्रीन पार्क विकसित करने को लेकर क्षेत्रफल भी कम करने का सुझाव दिया गया है।
पूर्व में ग्रीन पार्क को पचास हेक्टैयर में विकसित करने का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसका क्षेत्रफल भी मुख्यालय स्तर से पच्चीस हेक्टेयर करने का निर्देश दिया गया है। मुख्य वन संरक्षक स्तर से निर्देश मिलने के बाद अब वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने बजट में कमी करते हुए 500.50 लाख रुपए का संशोधित प्रस्ताव तैयार कर इसे मंजूरी के लिए मुख्यालय भिजवाया है। उम्मीद है कि आगे बजट मंजूर होने पर ग्रीन पार्क का निर्माण शुरू हो सकेगा। गौरतलब है कि क्षेत्र की आबोहवा को शुद्ध करने के लिए जिले में नेचर पार्क की तर्ज पर ग्रीन पार्क बनाने का प्रस्ताव तत्कालीन डीएफओ शशि सोपांग ने मुख्यालय भिजवाया था। गत भाजपा सरकार ने पार्क निर्माण की प्रक्रिया को लेकर काफी मशक्कत की थी।
लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के कारण पार्क निर्माण की प्रक्रिया अधरझूल में लटक गई। अब फिर से पार्क निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू की गई है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि नहरी जिला होने से यहां पर ग्रीन पार्क का प्रोजेक्ट अहम है। जिले में वनस्पति के पनपने के लिहाज से अच्छा माहौल है। सरकार को इस प्रोजेक्ट पर काम करने में देरी नहीं करनी चाहिए। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार ग्रीन पार्क को पूरी तरह से इको फ्रेंडली बनाने का प्रयास रहेगा।
पूरे पार्क परिसर में रोशनी के लिए सोलर लाइट लगाने के साथ परिसर में जो कचरा एकत्रित होगा, उसका निस्पादन इको फं्रेडली तरीके से करने की योजना है। पार्क के विकसित होने के बाद शहर की आबोहवा स्वच्छ होने की उम्मीद है।
इसलिए जरूरी पार्क
वन विभाग की ओर से बनाए गए प्रस्ताव में हनुमानगढ़ जिले में ग्रीन पार्क के निर्माण को जरूरी बताया गया है। किशनगढ़ से हनुमानगढ़ तक बने मेगा हाइवे के अलावा जिले से सूरतगढ़-हनुमानगढ़ फोरलेन से हजारों की तादाद में वाहन गुजरते हैं। नेशनल हाइवे का निर्माण भी शुरू होगा। साथ ही काफी संख्या में ईंट भ_े हैं। पंजाब व हरियाणा में जलने वाली पराली से भी पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। ईंट भ_े होने से मिट्टी का कटाव भी बढ़ रहा है। औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार होने, वाहनों का दबाव बढऩे व ईंट भ_ों से निकलने वाले धुएं के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। ग्रीन पार्क का निर्माण होने पर पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम में काफी मदद मिलेगी।
मिनी चिडिय़ा घर भी
ग्रीन पार्क निर्माण को लेकर पूर्व में बनाए गए प्रस्ताव में पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से ग्रीन पार्क को अलग-अलग भागों में बांटने का उल्लेख है। इसमें दो किलोमीटर में वाकिंग ट्रेक, साइकिलिंग ट्रेक, आकर्षक प्रवेश द्वार, बायलोजिकल, बॉटनिकल व हर्बल पार्क बनाने के साथ ही मिनी चिडिय़ाघर बनेगा। मिनी चिडिय़ा घर को प्रोजेक्ट में रेसक्यू सेंटर का नाम दिया गया है। वॉच टॉवर, झोंपड़ी बनाने के साथ एक हेक्टेयर में गुलाब बाग लगाया जाएगा। पर्यटकों के आराम के लिए सामुदायिक भवन व एज्यूकेशनल सेंटर बनाया जाएगा। वाकिंग ट्रेक पर दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षियों, वनस्पतियों के चित्र लगाए जाएंगे। जिससे युवा पीढ़ी इन प्रजातियों को बचाने में योगदान दे सके। हालांकि अब पहले के प्लान में कुछ संशोधन भी किया गया है।