सभा के दौरान लोगों ने कहा कि दिनभर बेचारा किसान काम करने के बाद रातभर फसल की रखवाली करता है। ठंड के बीच इन पशुओं के पीछे दौड़ता रहता है। वहीं एक-दूसरे खेत से बाहर निकालने के चक्कर में लोगों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द भी बिगड़ रहे हैं। लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। और ना ही प्रशासन का ध्यान है।
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इस छात्र की ईमानदारी के आगे झुक गए
जयपुर के पुलिस कमिश्नर, पढ़ें क्या है पूरा मामला इस दौरान कलहरी ने बताया कि सड़कों पर घूमते पशुओं से आम जनता त्रस्त है। अब किसान चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि इन पशुओं की वजह से आए दिन किसान की खेती खराब हो रही है। शहरों में भी आए दिन हादसे हो रहे हैं। उनका कहना कि उपखंड के सभी गांवों में जन संपर्क कर गांव और ढाणियों से 1111 लोगों को एकत्र किए जाएंगे। जो सरकार के समक्ष घेराव में अपनी मांग मुखरित करेंगे। यदि ठोस आश्वासन उपखंड स्तर पर नहीं मिला तो हनुमानगढ़ जिले के किसानों को एकजुट करके घेराव की रणनीति तय की जाएगी। साथ ही आरोप लगाया कि एसडीएम ने एक बैठक कर इस समस्या के हल की बड़ी बातें तो की लेकिन अभी तक धरातल पर उसका असर दिखाई नहीं दिया है। पशुओं को एक से दूसरे गांव लोग छोड़कर जा रहे हैं। वहीं सांड और गधे जैसे निराश्रित गोवंश सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिनका स्थाई हल जरुरी है। इस मौके पूर्व सरपंच बलवीरसिंह, सर्वजीत, जालौरसिंह, मंगल , बलदेव मान, उप सरपंच गुरदास गिल, अमित बिश्नोई, सुभाष मेंबर सहित अनेकों ग्रामीण मौजूद रहे।
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