दरअसल सेंट्रल एकेडमी के छात्र सूर्यप्रकाश को शास्त्रीनगर में मेजर शैतानसिंह कॉलोनी की सड़क पर सुबह 1500 यूरो मिले। सूर्यप्रकाश ने इस मुद्रा को एसओएस बालग्राम में संस्था के प्रतिनिधियों को बताया। इसके बाद बालग्राम के सेक्रेटरी अंजली भट्ट और यूथ लीडर रमन्ना के साथ सूर्यप्रकाश कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे और उन्होंने विदेशी मुद्रा एडिश्नल कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार को सौंप दी।
प्रफुल्ल कुमार ने ईमानदारी के लिए छात्र को स्मृति चिंह सौंपा। वहीं रुपयों को स्थानीय थाने को मालिक की जानकारी कर लौटाने के लिए भिजवा दिए। भारतीय बाजार में 1500 यूरो की कीमत लगभग एक लाख तीस हजार रुपए बताई जा रही है।
बेसहारा का आसरा है एसओएस बालग्राम
दरअसल ये बात और अहम इसलिए हो जाती है कि ईमानदारी का परिचय देने वाला छात्र एसओएस बालग्राम का है। एसओएस बालग्राम एक एनजीओ है जो बेसहारा लावारिस बच्चों को अपनाकर उनको घर जैसा माहौल मुहैया कराती है। बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती है। कई बच्चे अच्छी शिक्षा पाकर अहम पदों पर है। वे आगे चलकर किसी और बेसहारा का सहारा बनते है।
दरअसल ये बात और अहम इसलिए हो जाती है कि ईमानदारी का परिचय देने वाला छात्र एसओएस बालग्राम का है। एसओएस बालग्राम एक एनजीओ है जो बेसहारा लावारिस बच्चों को अपनाकर उनको घर जैसा माहौल मुहैया कराती है। बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती है। कई बच्चे अच्छी शिक्षा पाकर अहम पदों पर है। वे आगे चलकर किसी और बेसहारा का सहारा बनते है।