परिवार को बताया और फिर- वहीं जब इस मामले की जानकारी पत्रिका संवाददाता को हुई तो खेल मैदान में जाकर बच्चों और रमनदीपकौर से बात की। जहां उन्होंने बताया कि उनके परिवार में देश भक्ति का माहौल था, ऐसे में उन्हें लगा कि देश के लिए कुछ करना चाहिए। तब उनके मन में बच्चों को देश भक्त एवं संस्कारवान बनाने का ख्याल आया। उसके बाद अपने पति स्वराज सिंह दहिया और ससुर रिटार्यड फोजी नायबसिंह को अपने मिशन के बारे में बताया। तो उन्होंने हौंसला बढ़ाया और इसकी स्वीकृति देते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य हंसराज जाजेवाल से बातचीत की। जिसके बाद प्रधानाचार्य ने खुशी-खुशी इसकी अनुमति देने के साथ-साथ बच्चों से भी मिलवाया।
हर शाम बच्चों के साथ पहुंच जाती हैं ग्राउंड पर- रमनदीप का कहना है कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं उन्हें जो सिखाया जाता है वे जल्दी सीख लेते हैं। वह विद्यालय समय के बाद शाम को साढे चार बजे ग्राउंड में पहुंच जाती हैं, जहां रोजाना दो घंटे बच्चों को बच्चों को देश भक्तिगीत, वंदे मातरम, भारत माता की जय घोष को वार्मअप कराया जाता है। इसके बाद बच्चों की अलग-अलग रूचि के अनुसार टीम बनाकर दौड़, बैडमिंटन, वॉलीबाल, खो-खो आदि खेल खिलाए जाते हैं। इसके अलावा बच्चों को नशों से दूर रहने, स्वच्छता की आदतों और देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाने का संदेश दिया जाता है। उन्होंने बताया कि परिवार में राष्ट्र के प्रति समर्पण का माहौल होने से उन्हें अपने मिशन पर कार्य करने की स्वीकृति आसानी से मिल गई।
परिवार के सदस्य देश के लिए हो चुके हैं शहीद- गौरतलब है कि रमनदीप कौर के ससुर नायब सिंह सेवानिवृत सैनिक हैं और उनके अनुज हैड कांस्टेबल चमकौर सिंह
सीमा सुरक्षा बल में रहते हुए 8 अप्रेल 2000 को जम्मू कश्मीर के राजौरी सैक्टर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में लोहा लेते शहीद हो गए थे। चमकौर सिंह की शहादत और ससुर की देश भक्ति से प्रेरित परिवार की बहु रमनदीप कौर अब बच्चों में राष्ट्र भक्ति का संदेश देकर राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। तो वहीं बच्चे भी खेल खेल में राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को बखूबी सीख रहे हैं।