स्वच्छ भारत अभियान बना दूर की कौड़ी, बालिका के कुई में गिरने से हुआ धमाका कस्बे के वार्ड नम्बर 23 में लक्ष्मण सिंह बावरी के घर के बाहर शोच के लिए धमका कुई बनी हुई है । लक्ष्मण सिंह की 15 वर्षीय पुत्री गुरुवार सुबह जब शोच के लिए कुई में गई तो बैठते ही कुई पर रखा पत्थर आधा टूट कर कुई में गिर गया। उसी के साथ बालिका भी उसमें जा गिरी और चिल्लाने लगी ,उसी समय पड़ोसी प्रीतमसिंह को आवाज सुनाई देने पर उसने देखा कि बालिका कुई में गिर गई।
आवाज सुनकर दौड़े परिजन पड़ोसी ने जब हल्ला मचाया तो परिवार के लोगों ने सुना तो हडक़ंप मच गया। युवक सुखमंदर सिंह ने हिम्मत दिखाई और शरीर पर रस्सी बांध कुई में उतर कर बालिका का हाथ पकड़ सुरक्षित बाहर निकाल लाया । हर कोई सुखमंदर सिंह की हिम्मत की दाद देने लगा। परिवार के लोगों ने कुई से बदहाल अवस्था में निकाली बालिका के कपड़े बदले और चोटिल एवं बुरी तरह से घबराई बालिका को निजी चिकित्सक को बुलाकर उपचार करवाया।
पीड़िता की जुबानी पीड़िता ने आप बीती सुनाई कि वह सुबह कुई में शोच के लिए गई तो पत्थर टुटने से वह उसमें गिर गई , गनीमत रहा कि मेरे पांव टूटे पत्थर पर ही लगे रहे जिससे उसके सहारे खड़ी रही जोर से चिल्लाने लगी।
शौचालय नहीं होने से हुआ हादसा स्थानीय लोगों ने रोष प्रकट करते हुए बताया कि पूरे मोहल्ले में इसी प्रकार की शोच के लिए धमका कुईंया बनी हुई जो पानी आदि गिर कर सीलन आने से शोचनीय अवस्था में है । उनमें आने जाने में डर लगता फिर भी इनका उपयोग करना मजबूरी है। लक्ष्मण सिंह, अमरपाल सिंह ,प्रीतम सिंह, सुखमंदर सिंह, जसविंदर सिंह आदि ग्रामीणों एवं मीराबाई ने बताया कि ग्रामपंचायत को प्रधानमंत्री शोचालय निर्माण योजना के लिए आवेदन किये एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी हमारे आवेदन पर गोर नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहा है कि शोचालय निर्माण आवंटन के लिए भेदभाव नहीं होना चाहिए ।