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हनुमानगढ़

सरकारी पाठशालाएं भी अब फाइव स्टार

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हनुमानगढ़. सुविधाओं के आधार पर होटल को स्टार दिए जाते हैं और पांच सितारा मतलब फाइफ स्टार गुणवत्ता का प्रतीक माना जाता है। अब सरकारी पाठशालाओं को भी फाइव स्टार रैंकिंग दी जाने लगी है। फर्क बस इतना है कि विद्यालयों को यह रैंकिंग सुविधाओं के आधार पर नहीं बल्कि शिक्षा के स्तर के आधार पर दी जा रही है।

हनुमानगढ़Oct 11, 2019 / 11:54 am

adrish khan

सरकारी पाठशालाएं भी अब फाइव स्टार

सरकारी पाठशालाएं भी अब फाइव स्टार

सरकारी पाठशालाएं भी अब फाइव स्टार
– उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के आधार पर सरकारी स्कूलों को दी जा रही रैंकिंग।
– इसके आधार पर ही दिया जा रहा पुरस्कार
हनुमानगढ़. सुविधाओं के आधार पर होटल को स्टार दिए जाते हैं और पांच सितारा मतलब फाइफ स्टार गुणवत्ता का प्रतीक माना जाता है। अब सरकारी पाठशालाओं को भी फाइव स्टार रैंकिंग दी जाने लगी है। फर्क बस इतना है कि विद्यालयों को यह रैंकिंग सुविधाओं के आधार पर नहीं बल्कि शिक्षा के स्तर के आधार पर दी जा रही है। फाइव स्टार रैंकिंग हासिल करने वाले विद्यालयों की संख्या जिले में इस बार सौ से अधिक रही। जब अगले साल विद्यालयों का चयन किया जाएगा तो यह संख्या बढऩे की उम्मीद है। क्योंकि जिले में पिछले कुछ बरसों में सरकारी पाठशालाओं का बोर्ड परीक्षा परिणाम निरंतर सुधरा है।
सीडीईओ कार्यालय के सहायक निदेशक राकेश सेठी ने बताया कि कक्षा आठ, दस व बारहवीं के बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर फाइव स्टार स्कूलों का चयन किया जाता है। केवल माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को ही यह रैंकिंग दी जाती है। हाल ही फाइव स्टार रैंकिंग वाले विद्यालयों के संस्था प्रधानों को सम्मानित किया गया। शिक्षा सत्र 2017-18 के बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर यह पुरस्कार वितरित किए गए। शिक्षा सत्र 2018-19 के बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर रैंकिंग देकर पुरस्कार अगले साल दिए जाएंगे। सहायक निदेशक राकेश सेठी ने बताया कि शिक्षा विभाग के इस प्रयास का उद्देश्य यह है कि बेहतर परीक्षा परिणाम देने के लिए संस्था प्रधानों व शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जा सके।

101 को फाइफ स्टार
जानकारी के अनुसार जिले में 2017-18 के आधार पर 101 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को फाइफ स्टार रैंकिंग दी गई। ऐसे विद्यालय जिनका कक्षा आठ, दस व बारहवीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम 90 प्रतिशत से ऊपर रहा हो। साथ ही 60 प्रतिशत या इससे अधिक विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी प्राप्त की हो, उनको यह रैंकिंग दी जाती है।

सुधर रहे हालात
मिशन मेरिट जैसे प्रयासों से पिछले कुछ बरसों में जिले के सरकारी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम सुधरा है। अगर बोर्ड परीक्षा परिणाम पर नजर डालें तो हनुमानगढ़ जिला प्रदेश के टॉप दस-बारह जिलों शामिल रहता है। हालांकि छह-सात साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। मगर स्थानीय शिक्षा अधिकारियों तथा शिक्षा विभाग के निरंतर प्रयासों से स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

प्रदेश में निरंतर टॉप
शिक्षण व्यवस्था में गुणात्मक सुधार व ढांचागत विकास संबंधी कामकाज में जिला लगातार प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल कर रहा है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से 43 बिन्दुओं के आधार पर जिलों की मासिक रैंकिंग जारी की जाती है। इसमें हनुमानगढ़ जिला ज्यादातर प्रथम व प्रथम तीन में रहता आ रहा है। पाठशालाओं में नामांकन में बढ़ोतरी, बोर्ड परीक्षा परिणाम में चार व पांच स्टार वाले स्कूलों की संख्या, बिजली, पानी व शौचालय की सुविधा आदि के आधार पर यह रैंकिंग जारी की जाती है।
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