राजस्थान भाग में रीलाइनिंग कार्य शुरू होने के पहले बरस ही भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद अभियंता डरे हुए लग रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई की ओर से अभियंताओं की कार्यशैली संबंधी बयानबाजी करने के बाद राजस्थान इंजीनियर्स एकता मंच के बैनर तले अभियंताओं ने भी आंदोलन को लेकर सरकार को चेता दिया है। अभियंताओं ने हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता से मिलकर चेतावनी दी है कि ऐसे तनावपूर्ण माहौल में हमारे लिए अगली नहरबंदी के दौरान काम करना संभव नहीं होगा। इसलिए निश्चित मापदंड निर्धारित करके ही आगामी मार्च में बंदी के दौरान रीलाइनिंग कार्य करवाए जाएं।
जिन अभियंताओं के खिलाफ अमानक निर्माण का आरोप लगाया गया है, उन्हें जल संसाधन विभाग ने अपनी जांच में क्लीनचिट दे दिया है। इंदिरागांधी नहर रीलाइनिंग कार्य के दौरान अमानक सामग्री लगाकर सरकार को हानि पहुंचाने की शिकायत पर सितम्बर २०१९ में जल संसाधन विभाग स्तर पर कमेटी गठित कर मामले की जांच करवाई गई थी। इसमें संबंधित अभियंताओं पर लगाए गए आरोप को सही नहीं माना गया। मुख्य अभियंता की ओर से तैयार फाइनल रिपोर्ट में बताया गया कि जो भी कमियां सामने आई, उसमें जेईएन, एईएन, एक्सईएन ने जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं की। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि क्लोजर कार्यों में इस तरह की घटनाओं को पूर्णतया रोका जाना संभव नहीं है। मगर एसीबी ने अभियंताओं की मिलीभगत से अमानक तरीके से रीलाइनिंग कार्य करवाने के मामले में सात अभियंताओं व दो निर्माण ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
इंदिरागांधी नहर की वर्तमान स्थिति बहुत दयनीय है। जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने के कारण इसमें अधिकतम 11000 से 12000 क्यूसेक पानी ही चल पाता है। लेकिन मरम्मत के बाद इसमें 18000 क्यूसेक पानी चलाना संभव होगा। राजस्थान क्षेत्र में इंदिरागांधी नहर की लंबाई ४४५ किमी है।