scriptदिल्ली तक पहुंचा नहरी भ्रष्टाचार का मामला, सीएम के पास विभाग होने से विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की बना रहा रणनीति | Nahari corruption case reached Delhi, opposition with CM department h | Patrika News
हनुमानगढ़

दिल्ली तक पहुंचा नहरी भ्रष्टाचार का मामला, सीएम के पास विभाग होने से विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की बना रहा रणनीति

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर से प्रदेश के दस जिलों की प्यास बुझती है। राजस्थान से गुजरने वाली संभवतया यह सबसे लंबी नहर आमतौर पर किसान आंदोलन के लिए ज्यादा चर्चा में रहती है। मगर इन दिनों यह अप्रैल २०१९ में हुए रीलाइनिंग कार्य में कथित भ्रष्टाचार मामले के कारण सुर्खियों में है। जल संसाधन व वित्त विभाग दोनों सीएम अशोक गहलोत के पास होने के कारण विपक्ष इसे मुद्दा बनाने से चूकना नहीं चाहती।
 

हनुमानगढ़Jan 09, 2020 / 11:06 am

Purushottam Jha

दिल्ली तक पहुंचा नहरी भ्रष्टाचार का मामला, सीएम के पास विभाग होने से विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की बना रहा रणनीति

दिल्ली तक पहुंचा नहरी भ्रष्टाचार का मामला, सीएम के पास विभाग होने से विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की बना रहा रणनीति

दिल्ली तक पहुंचा नहरी भ्रष्टाचार का मामला, सीएम के पास विभाग होने से विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की बना रहा रणनीति
-नहर के रीलाइनिंग में अमानक तरीके से कार्य कर सरकार को करीब डेढ़ करोड़ रुपए नुकसान पहुंचाने का आरोप
……फोटो…….
हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर से प्रदेश के दस जिलों की प्यास बुझती है। राजस्थान से गुजरने वाली संभवतया यह सबसे लंबी नहर आमतौर पर किसान आंदोलन के लिए ज्यादा चर्चा में रहती है। मगर इन दिनों यह अप्रैल २०१९ में हुए रीलाइनिंग कार्य में कथित भ्रष्टाचार मामले के कारण सुर्खियों में है। जल संसाधन व वित्त विभाग दोनों सीएम अशोक गहलोत के पास होने के कारण विपक्ष इसे मुद्दा बनाने से चूकना नहीं चाहती। एसीबी की ओर से गत सप्ताह सात अभियंताओं के खिलाफ मामला दर्ज होने के तत्काल बाद भाजपा ने इसे मुद्दा बनाकर सीएम को बड़े स्तर पर घेरने की रणनीति बनाई है। भाजपा किसान मोर्चा हनुमानगढ़ के जिलाध्यक्ष सुशील गोदारा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भ्रष्टाचार मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत कर अप्रैल २०२० में हुए रीलाइनिंग के दौरान अभिंयताओं पर अमानक तरीके से कार्य करके सरकार को करीब डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान पहुंंचाने का उल्लेख किया है। सीएम के पास विभाग होने के कारण इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। इसके बाद इस मामले को केंद्रीय गृहमंत्री के पास चर्चा के लिए भेज दिया गया है।
जिलाध्यक्ष ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को बताया कि एसीबी ने हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर कार्यालय के सात अभियंताओं व दो ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। लेकिन सिंचाई मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री गहलोत के पास होने के कारण इस मामले की जांच प्रभावित होने की आशंका में नहर रीलाइनिंग में भ्रष्टाचार करने के मामले की जांच सीबीआई या फिर ईडी से करवाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि मार्च २०२० में फिर ७० दिन की बंदी ली जा रही है। इसमें करीब ८० करोड़ से रीलाइनिंग के काम होने हैं।
चरणबद्ध तरीके से इंदिरागांधी नहर की रीलाइनिंग सहित सिंचाई व्यवस्था में सुधार के लिए संबंधित अन्य कार्यों के लिए केंद्र व राज्य सरकार स्तर पर ३२९१ करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। ऐसे में भविष्य में गुणवत्ता युक्त कार्य हो सकें, इसके लिए नहरी भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच व निर्माण कार्यों की निगरानी को लेकर निष्पक्ष टीम का गठन होना जरूरी है।
इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुंनू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित दस जिलों को जलापूर्ति होती है। नहरी जिलों से करीब ४००० करोड़ का कृषि व उद्यानिकी क्षेत्र में उत्पादन हो रहा है। जो प्रदेश की जीडीपी का बड़ा आधार माना जाता है। अप्रैल २०१९ में नहर रीलाइनिंग मामले में एसीबी की ओर से अभियंताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने मामले में विभाग का अगला रुख कैसा रहेगा, इस सवाल पर जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने सिर्फ इतना ही बताया है कि इस वक्त मैं कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। वेट एंड वॉच की स्थिति में विभाग है। जैसे ही विभाग स्तर पर किसी तरह का फैसला लिया जाएगा, मीडिया को अवगत करवा देंगे।
अभियंताओं ने ठोकी ताल
राजस्थान भाग में रीलाइनिंग कार्य शुरू होने के पहले बरस ही भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद अभियंता डरे हुए लग रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई की ओर से अभियंताओं की कार्यशैली संबंधी बयानबाजी करने के बाद राजस्थान इंजीनियर्स एकता मंच के बैनर तले अभियंताओं ने भी आंदोलन को लेकर सरकार को चेता दिया है। अभियंताओं ने हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता से मिलकर चेतावनी दी है कि ऐसे तनावपूर्ण माहौल में हमारे लिए अगली नहरबंदी के दौरान काम करना संभव नहीं होगा। इसलिए निश्चित मापदंड निर्धारित करके ही आगामी मार्च में बंदी के दौरान रीलाइनिंग कार्य करवाए जाएं।
विभागीय जांच में क्लीनचिट
जिन अभियंताओं के खिलाफ अमानक निर्माण का आरोप लगाया गया है, उन्हें जल संसाधन विभाग ने अपनी जांच में क्लीनचिट दे दिया है। इंदिरागांधी नहर रीलाइनिंग कार्य के दौरान अमानक सामग्री लगाकर सरकार को हानि पहुंचाने की शिकायत पर सितम्बर २०१९ में जल संसाधन विभाग स्तर पर कमेटी गठित कर मामले की जांच करवाई गई थी। इसमें संबंधित अभियंताओं पर लगाए गए आरोप को सही नहीं माना गया। मुख्य अभियंता की ओर से तैयार फाइनल रिपोर्ट में बताया गया कि जो भी कमियां सामने आई, उसमें जेईएन, एईएन, एक्सईएन ने जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं की। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि क्लोजर कार्यों में इस तरह की घटनाओं को पूर्णतया रोका जाना संभव नहीं है। मगर एसीबी ने अभियंताओं की मिलीभगत से अमानक तरीके से रीलाइनिंग कार्य करवाने के मामले में सात अभियंताओं व दो निर्माण ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
नहर की हालत खस्ता
इंदिरागांधी नहर की वर्तमान स्थिति बहुत दयनीय है। जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने के कारण इसमें अधिकतम 11000 से 12000 क्यूसेक पानी ही चल पाता है। लेकिन मरम्मत के बाद इसमें 18000 क्यूसेक पानी चलाना संभव होगा। राजस्थान क्षेत्र में इंदिरागांधी नहर की लंबाई ४४५ किमी है।

Home / Hanumangarh / दिल्ली तक पहुंचा नहरी भ्रष्टाचार का मामला, सीएम के पास विभाग होने से विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की बना रहा रणनीति

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो