गौरतलब है कि पिछली राज्य सरकार ने विद्यालयों को थोक में क्रमोन्नत तो कर दिया। मगर वहां व्याख्याताओं के पद स्वीकृत नहीं किए। इसके चलते विद्यालय क्रमोन्नति का पूरा व सही लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल सका है।
कब से मंजूरी का इंतजार
जानकारी के अनुसार पिछले तीन वर्षों में क्रमोन्नत किए गए विद्यालयों में व्याख्याता पदों की मंजूरी नहीं दी गई है। वर्ष 2021, 2022 तथा 2023 में क्रमोन्नत विद्यालय व्याख्याता पदों की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं। इन तीन वर्षों में राज्य सरकार ने प्रदेश भर में करीब छह हजार विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नति दी थी। एक क्रमोन्नत विद्यालय में तीन व्याख्याता के हिसाब से छह हजार विद्यालयों में 18 हजार व्याख्याता पदों की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।
सिर्फ क्रमोन्नति से क्या लाभ
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा के प्रदेश प्रवक्ता बसन्त कुमार ज्याणी कहते हैं कि क्रमोन्नत विद्यालयों में शीघ्रता से व्याख्याता पद मंजूर किए जाने चाहिए। इसके अभाव में विद्यार्थियों को क्रमोन्नति का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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शिक्षक नेता हरलाल ढाका कहते हैं कि विद्यालय क्रमोन्नति का तब तक विद्यार्थियों को कोई लाभ नहीं मिलता जब तक वहां व्याख्याता आदि के पद मंजूर नहीं किए जाए। केवल क्रमोन्नति का आंकड़ा बढ़ाने से कुछ लाभ नहीं होता। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का होना बेहद जरूरी है।
कब, कितने क्रमोन्नत
– प्रदेश भर में मार्च 2023 में 3832 विद्यालयों को एक साथ माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया गया था।
– नवम्बर 2021 में क्रमोन्नत 240 उमावि में भी प्रति विद्यालय केवल 1-1 व्याख्याता पद ही स्वीकृत है।
– वर्ष 2022 व 2023 में 1800 उप्रावि को सीधे उमावि में क्रमोन्नत किया गया था।
– नम्बर 2021 में 635 उप्रावि को माध्यमिक में क्रमोन्नत किया गया था। बाद में इन सभी को मार्च 2022 में उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत कर दिया गया था। इन विद्यालयों में अभी तक वरिष्ठ अध्यापक के पद भी स्वीकृत नहीं किए गए हैं।
– इस प्रकार कुल 6000 विद्यालयों में प्रति विद्यालय तीन व्याख्याता पदों के हिसाब से 18000 पदों की स्वीकृति की प्रतीक्षा है।
– इसके अलावा 600 विद्यालयों में प्रति विद्यालय 6-6 पदों के हिसाब से 3600 वरिष्ठ अध्यापक पदों की स्वीकृति होनी है।