सरकार ने तीनों कृषि कानून लिए वापस, अभी बहुत सी मांगे मजदूर आंदोलन की है बकाया
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हनुमानगढ़. जिला मुख्यालय पर बुधवार को किसान -खेत मजदूर एकता दिवस मनाया गया।
हनुमानगढ़
Published: January 19, 2022 07:47:36 pm
सरकार ने तीनों कृषि कानून लिए वापस, अभी बहुत सी मांगे मजदूर आंदोलन की है बकाया
-किसान-मजदूर एकता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम मे ंबोले वक्ता
हनुमानगढ़. जिला मुख्यालय पर बुधवार को किसान -खेत मजदूर एकता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने शहीद किसान व मजदूरों को श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि 19 जनवरी 1982 को राष्ट्रीय हड़ताल के दौरान सरकार द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने से तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश व महाराष्ट्र में 10 किसान तथा मजदूर शहीद हुए थे। तभी से हर वर्ष 19 जनवरी को किसान मजदूर एकता दिवस मनाया जा रहा है। सेंट्रल वेयर हाउस के आगे चल रहे अनिश्चतकालीन धरने पर बुधवार को हुई सभा की अध्यक्षता किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, जिलाध्यक्ष आत्मा सिंह, खेत मजदूर यूनियन के जिला उपाध्यक्ष आदराम ने संयुक्त रूप से की। इस मौके पर सीटू राज्य उपाध्यक्ष रामेश्वर वर्मा ने बताया कि जिन नीतियों को लेकर हमारे 10 किसान मजदूर साथी शहीद हुए वह नीतियां आज भाजपा की सरकार पूरे देश में तेजी के साथ लागू कर रही है। इसी का परिणाम है कि देश की तमाम सार्वजनिक संस्थाएं औने पौने दामों में कॉर्पोरेट घरानों को दी जा रही है। देश की खाद्य सुरक्षा भी खतरे में है। सरकार एफसीआई के गोदामों का भी निजी करण कर रही है। यहां हनुमानगढ़ में तीन महीने से सेंट्रल वेयर हाउस के गोदाम के आगे धरना चल रहा है। दो गोदामों को सरकार ने निजी कंपनी को 15 साल के लिए ठेके पर दिया है जिसका तमाम मजदूर संगठन विरोध कर रहे हैं। सीटू जिलाध्यक्ष आत्मा सिंह ने बताया कि अभी किसान आंदोलन के चलते सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लिए हैं लेकिन अभी भी बहुत सी मांगे मजदूर आंदोलन की बकाया है। इसमें चारों लेबर कोड वापस लिए जाने केंद्र सरकार तुरंत प्रभाव से संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हुए समझौतों को लागू करे, ठेका प्रथा समाप्त कर अस्थाई श्रमिकों योजना पर आधारित श्रमिकों को स्थाई किया जाए, सरकारी संस्थाओं का निजीकरण बंद किया जाए, सेंट्रल वेयरहाउस के गोदामों को ठेके पर देने का समझौता रद्द किया जाए,। साथ ही पेट्रोल डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लिया जाए। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में भी नरेगा शुरू करने की मांग की। सीटू के जिला संरक्षक मलकीत सिंह, बहादुर सिंह चौहान, बलदेव सिंह मक्कासर, किसान नेता ओम स्वामी, रघुवीर वर्मा, शेर सिंह शाक्य आदि मौजूद रहे।

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