ऑफिस से निकल कर फिल्ड में जाए अफसर, मंत्री से ज्यादा विधायक का अंदाज नजर आया तल्ख
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ऑफिस से निकल कर फिल्ड में जाए अफसर, मंत्री से ज्यादा विधायक का अंदाज नजर आया तल्ख
ऑफिस से निकल कर फिल्ड में जाए अफसर, मंत्री से ज्यादा विधायक का अंदाज नजर आया तल्ख
– जिला प्रभारी मंत्री ने जिला स्तरीय अधिकारियों को दिया निर्देश
– श्रम विभाग, पीएचईडी व जल संसाधन विभाग रहा निशाने पर
हनुमानगढ़. ऑफिस से निकल कर ऑफिसर समय-समय पर फिल्ड में आवश्यक रूप से जाए ताकि जनता की समस्याओं को समझ सके। समस्या की जमीनी हकीकत समझकर ही उसका बेहतर ढंग से समाधान हो सकता है। सभी जिला स्तरीय अधिकारी फिल्ड निरीक्षण की रिपोर्ट भी जिला कलक्टर को दें। जिला प्रभारी तथा शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा ने शनिवार को कलक्ट्रेट स्थित सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने विभागवार कामकाज की समीक्षा कर सुधार के निर्देश दिए। प्रभारी मंत्री ने जिला कलक्टर जाकिर हुसैन के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आपके नेतृत्व में जिले में अच्छा काम हो रहा है। यह हर्ष व प्रशंसा की बात है।
बैठक की खास बात यह रही कि इसमें कांग्रेस के दो विधायकों में से केवल नोहर विधायक अमित चाचाण ही आए। अधिकारियों से कामकाज के सवालों पर मंत्री डोटासरा से ज्यादा विधायक चाचाण का अंदाज अधिक तल्ख नजर आया। नोहर क्षेत्र के गांवों में बिगड़ी पेयजल आपूर्ति के मुद्दे पर तो संबंधित अभियंता पर पानी आपूर्ति में मनमानी व चहेतों को लाभ देने तक का आरोप जड़ दिया। उन्होंने कहा कि 140 गांव आपणी योजना से जुड़े हुए हैं। फिर भी अधिकारी फिल्ड मे नजर नहीं आते। नहरों में पानी चोरी हो रही है, अधिकारी नियमित गश्त से परहेज बरतते हैं। ऐसे में टेल तक पूरा पानी नहीं पहुंचता और किसान परेशान होते हैं। यही रुख कई अन्य विभागों के कामकाज को लेकर विधायक का रहा। चिकित्सा विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान भामाशाह योजना से संबंधी कोई शिकायत नहीं मिलने पर मंत्री ने कहा कि यह पहला जिला है जहां यह कहा गया है कि कोई शिकायत नहीं आई। हालांकि जिला अस्पताल के प्रसूति रोग विशेषज्ञ एक चिकित्सक की लगातार शिकायतों के बावजूद उस पर कार्रवाई नहीं होने पर मंडी समिति अध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया ने नाराजगी जताई। बैठक में कलक्टर जाकिर हुसैन, एसपी कालूराम रावत, जिला प्रमुख कृष्ण चोटिया, प्रधान जयदेव भिड़ासरा, कृषि उपज मंडी समिति अध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया, कांग्रेस जिलाध्यक्ष केसी बिश्नोई आदि मौजूद रहे।
परिचय से पहले बाहर
बैठक शुरू करने से पहले मंत्री डोटासरा ने कहा कि केवल जिला स्तरीय अधिकारी या फिर उनका प्रतिनिधि ही यहां मौजूद रहे। अगर किसी विभाग से अधिकारी के साथ अन्य कार्मिक भी आए हैं तो वे बाहर चले जाए। क्योंकि बैठक में अधिकारी से ऐसे ढंग से भी बातचीत व सवाल होते हैं जो उसके मातहत कर्मचारी के सामने नहीं होनी चाहिए। साथ ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को भी बाहर भेज दिया गया। मगर कांग्रेस जिलाध्यक्ष केसी बिश्नोई चुनिंदा जन प्रतिनिधि तथा अधिकारी नहीं होने के बावजूद बैठक में मौजूद रहे।
पैसे लेने की शिकायत
बैठक में ई मित्र संचालकों के खाद्य सुरक्षा समेत अन्य आवेदन ऑनलाइन भरने के लिए ज्यादा फीस लेने की शिकायत आई तो मंत्री ने कहा कि ऐसी शिकायतें पूरे प्रदेश में आ रही हैं। ई-मित्र संचालकों पर जल्द ही शिकंजा कसा जाएगा। प्रधान जयदेव भिडासरा ने कहा कि जिले के कई स्कूलों को ठेके पर खेती समेत अन्य कार्यों से आय होती है। लेकिन ये आय राज्य सरकार ले लेती है। जबकि इसको स्कूल के विकास में खर्च किया जाना चााहिए। इस पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि आप इसका प्रस्ताव बनाकर दें, उसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
श्रम विभाग करवा रहा बदनामी
श्रम कल्याण विभाग में लम्बित कामकाज देखकर मंत्री ने कहा कि 31 हजार आवेदन लम्बित होना बहुत चिंताजनक है। श्रम विभाग के कारण राज्य भर में बदनामी हो रही है। शुभ शक्ति योजना इत्यादि योजनाओं को दूसरे विभाग में शिफ्ट करने को लेकर विचार किया जाएगा। कृषि उपज मंडी के चेयरमैन रामेश्वर चांवरिया ने आरोप लगाया कि विभाग की योजनाओं का लाभ उन्हीं लोगों को ज्यादा मिलता है जो ई-मित्र के जरिए आते हैं।