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हनुमानगढ़ की धागा मिल मामले में नई सरकार का क्या रहेगा अगला कदम, इसकी तस्वीर राजधानी में होगी साफ

हनुमानगढ़. सहकारी स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ के संचालन को लेकर सरकार स्तर पर आंशिक रूप से सरगर्मी शुरू कर दी गई है। इस संदर्भ में स्पिनफैड स्पिनिंग इकाई हनुमानगढ़ के महाप्रबंधक को पत्र लिखा गया है। स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ में नियुक्त अवसायक भंवर सिंह बाजिया की ओर से भेजे गए पत्र में जयपुर में पांच फरवरी को अहम बैठक बुलाने का उल्लेख किया गया है।

हनुमानगढ़Feb 03, 2024 / 08:29 pm

Purushottam Jha

हनुमानगढ़ की धागा मिल मामले में नई सरकार का क्या रहेगा अगला कदम, इसकी तस्वीर कल राजधानी में होगी साफ

हनुमानगढ़ की धागा मिल मामले में नई सरकार का क्या रहेगा अगला कदम, इसकी तस्वीर कल राजधानी में होगी साफ

हनुमानगढ़ की धागा मिल मामले में नई सरकार का क्या रहेगा अगला कदम, इसकी तस्वीर राजधानी में होगी साफ
-पांच फरवरी को जयपुर में होने वाली बैठक को लेकर स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ में नियुक्त अवसायक भंवर सिंह बाजिया ने दी जानकारी
-सहकारिता क्षेत्र की प्रमुख हनुमानगढ़ सहकारी स्पिनिंग मिल को शुरू करने की मांग हो रही मुखर
हनुमानगढ़. सहकारी स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ के संचालन को लेकर सरकार स्तर पर आंशिक रूप से सरगर्मी शुरू कर दी गई है। इस संदर्भ में स्पिनफैड स्पिनिंग इकाई हनुमानगढ़ के महाप्रबंधक को पत्र लिखा गया है। स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ में नियुक्त अवसायक भंवर सिंह बाजिया की ओर से भेजे गए पत्र में जयपुर में पांच फरवरी को अहम बैठक बुलाने का उल्लेख किया गया है। स्पिनफैड प्रधान कार्यालय जयपुर में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए हनुमानगढ़ सहकारी स्पिनिंग मिल के कारखाना प्रबंधक तथा लेखाधिकारी को अवगत करवाया गया है। बैठक की सूचना मिलने पर स्थानीय अधिकारी मिल से संबंधित दस्तावेज तैयार करने में लग गए हैं। मिल संचालन से लेकर अब तक का लेखाजोखा तैयार करके पांच फरवरी को बैठक में इस अहम मसले पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में समस्त लेखा प्रक्रिया संबंधी सूचना के अलावा अवसायन कार्य की अब तक की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। हनुमानगढ़ सहकारी स्पिनिंग मिल के कारखाना प्रबंधक तथा केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार मान ने बताया कि स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ के संचालन को लेकर लगातार संभावनाएं तलाशी जा रही है। गत सरकार ने इसे चलाने की घोषणा की थी। वर्तमान सरकार स्तर पर बजट जारी होने के बाद ही मिल संचालन की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। इस तरह साफ है कि पांच फरवरी को जयपुर में होने वाली बैठक में ही हनुमानगढ़ की धागा मिल के संचालन को लेकर सही तस्वीर सामने आएगी। इस बैठक के बाद ही इस बात का पता चलेगा कि नई सरकार का इस धागा मिल के बारे में अगला कदम क्या रहेगा।
पत्रिका टॉक शो में बनाएंगे कार्य योजना
हनुमानगढ़ की सहकारी स्पिनिंग मिल को शुरू करने की मांग को लेकर राजस्थान पत्रिका ‘आन पर आंच’ शीर्षक से लगातार मुहिम चला रही है। मिल संबंधी समाचारों के प्रकाशन से लोग इस मांग को लेकर मुखर हो रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को जंक्शन में रिले केंद्र के पास स्थित व्यापार मंडल धर्मशाला में टॉक शो का आयोजन होगा। इसमें प्रमुख संगठनों के लोग शामिल होकर मिल संचालन मामले में चर्चा करेंगे।
घाटे का बहाना, फायदे में रही है मिल
हनुमानगढ़ की सहकारी स्पिनिंग मिल शुरुआती दिनों में हमेशा फायदे में रही। बाद में प्रदेश की अन्य मिलों को मिलाकर फैडरेशन बना दिया गया। इसके बाद हनुमानगढ़ की मिल का संचालन भी जयपुर में बैठे अफसर करने लगे। इससे इस मिल का प्रबंधन गलत हाथों में चला गया। सहकारिता के जानकार कहते हैं कि 1992-93 में हनुमानगढ़ स्पिनिंग मिल के खाते से गुलाबपुरा यूनिट को करीब आठ करोड़ रुपए बिना किसी कारण के जारी कर दिए गए। इससे हनुमानगढ़ मिल का लाभांश कम हो गया। इसके बाद राजनीतिक कारणों से तत्कालीन सरकार ने यह राशि हनुमानगढ़ यूनिट को वापस नहीं दिला पाई। इस वजह से हनुमानगढ़ की धागा मिल का लाभांश कम होता चला गया। अब भी वर्तमान सरकार यदि हनुमानगढ़ की स्पिनिंग मिल के हिस्से की उक्त आठ करोड़ की राशि को ब्याज सहित वापस लौटा तो मिल की मशीनें दौडऩे लगेगी। हजारों किसानों व मजदूरों को इससे लाभ होने लगेगा। बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक दूर सकेगी। जिले के आर्थिक विकास का पहिया भी तेजी से घूमने लगेगा। क्यों जिले में कपास का उत्पादन बड़े स्तर पर होता है। कच्चा माल समुचित मात्रा में उपलब्ध होने से यहां पर धागा मिल संचालन की काफी अच्छी संभावनाएं है।
खूब की कमाई, पुरस्कार भी जीते
हनुमानगढ़ की सहकारी स्पिनिंग मिल का इतिहास सुनहरा रहा है। किसी समय हनुमानगढ़ की इस धागा मिल का प्रबंधन सीनीयर आईएएस अधिकारियों के हाथों में होता था। उस वक्त मिल को कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले। वर्ष 2014-15 में जिस समय मिल में तालाबंदी की गई थी, उस समय हनुमानगढ़ के स्पिनिंग मिल इकाई के पूरे सेटअप का बाजार मूल्य करीब 83 करोड़ अनुमानित माना गया था। इस मिल की बात करें तो उत्पादन शुरू होने के बाद से इस मिल ने सरकार के खजाने में करीब 72 करोड़ का टैक्स जमा हुआ है। इस तरह साफ है कि इस मिल ने किसानों व मजदूरों की मेहनत के बल पर खूब कमाई की। धागों की गुणवत्ता के मामले में हनुमानगढ़ का देश-विदेशों में नाम भी किया। परंतु सियासी कारणों से मिल का प्रबंधन लगातार बिगड़ता चला गया।
….वर्जन….
बैठक में स्थिति होगी साफ
जिला मुख्यालय पर स्थापित हनुमानगढ़ सहकारी स्पिनिंग मिल मामले में चर्चा करने के लिए पांच फरवरी को जयपुर में बैठक रखी गई है। मुख्यालय की ओर से स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ में नियुक्त अवसायक भंवर सिंह बाजिया की ओर से बैठक के संबंध में सूचित किया गया है। बैठक के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
-मनोज कुमार मान, कारखाना प्रबंधक, सहकारी स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़

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