scriptRaksha Bandhan 2021: यहां भाईयों काे नहीं उनकी लाठी काे राखी बांधती हैं बहनें, जानिए क्या है 445 साल पुरानी परम्परा | Raksha Bandhan 2021: Here sisters tie rakhi to the sticks of brothers | Patrika News
हापुड़

Raksha Bandhan 2021: यहां भाईयों काे नहीं उनकी लाठी काे राखी बांधती हैं बहनें, जानिए क्या है 445 साल पुरानी परम्परा

Raksha Bandhan 2021 यूपी के 60 गांव में रहने वाले परिवार खुद काे महाराणा प्रताप के वंशज बताते हैं। इन परिवारों का कहना है चित्तौड़ की लड़ाई के बाद से यह परम्परा चली आ रही है जिसे वह आज भी जिंदा रखे हुए हैं।

हापुड़Aug 22, 2021 / 07:31 am

shivmani tyagi

राखी

Raksha Bandhan 2021: रक्षा बंधन

हापुड़ ( Raksha Bandhan 2021 ) अभी तक आपने रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर राखी बांधने की अलग-अलग तरह की मान्यताएं और परम्पराएं सुनी होगी लेकिन उत्तर प्रदेश के हापुड़ के कुछ गांव ऐसे हैं जहां लड़कियां भाईयों काे नहीं बल्कि उनकी लाठी को राखी बांधती हैं। इससे भी अधिक हैरान कर देने वाली बात यह है कि वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को एक दो या दस गांव में नहीं बल्कि 60 गांव में निभाया जाता रहा है। प्रत्येक वर्ष यहां लड़कियां लाठी को राखी बांधती हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो यह सभी परिवार महाराणा प्रताप के वंशज हैं और उनकी 17वीं पीढ़ी से यह मान्यता चली आ रही है। इस तरह से यह परिवार 445 साल बाद भी इस परंपरा को जिंदा रखे हुए हैं।
हापुड़ जिले के गांव धौलाना, साठा और चौरासी समेत अन्य गांव के सैकड़ों परिवार आज भी इस परंपरा को निभाते हुए आ रहे हैं। प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के त्यौहार पर इनके यहां उड़द दाल की रोटी बनाई जाती है और बहनें अपने भाई की कलाई पर नहीं बल्कि लाठी पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार इन सभी 60 गांवों में महाराणा प्रताप के वंशज रहते हैं। चित्तौड़ के किले को खाली करने के बाद यह सभी वंशज यहां आकर बस गए थे। इनका सबसे पहला गांव ठहरा है जहां पर आकर सबसे ये लोग रात में ठहरे थे।
यह भी पढ़ें

Raksha Bandhan 2021: इस राखी भाई दे सकते हैं बहनों को यह पांच खास उपहार

हापुड़ के गांव भुलानाॊ के रहने वाले विजय सिसौदिया के अनुसार उनका परिवार महाराणा प्रताप की 17वीं पीढ़ी है। 1576 में जब रानी महल में थी और अकबर ने चित्तौड़ का किला ढहाने के लिए हमला बोल दिया था, युद्ध चल रहा था और सभी योद्धा युद्ध में शामिल थे। चित्तौड़ के सभी योद्धाओं के रणभूमि में होने के चलते घर में कोई युवा नहीं था। उस समय रक्षा बंधन ( Raksha Bandhan ) पर बहनों ने रानी के कहने पर अपने भाईयों की लाठी काे रक्षा सूत्र बांधा था और माना था कि जब तक उनके भाई रणभूमि में हैं तब तक उनकी लाठियां घर पर उनकी रक्षा करेंगी। तभी से यह मान्यता चली आर ही है।

Home / Hapur / Raksha Bandhan 2021: यहां भाईयों काे नहीं उनकी लाठी काे राखी बांधती हैं बहनें, जानिए क्या है 445 साल पुरानी परम्परा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो