यह बात रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर इसरो नागपुर (remote sensing center isro nagpur) के उप महाप्रबंधक जी. श्रीनिवासन ने कही। वे कलेक्ट्रेट के सभागार में पावर पॉइन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि इसरो की मदद व सैटेलाइट के माध्यम से जानकारी लेने से जिले के विकास की आगामी रणनीति तैयार में काफी सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि मप्र में आधुनिक तकनीक के माध्यम से विकास योजना सबसे पहले हरदा जिले में ही लागू किया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि पहले किसी एक गांव को पायलट प्रोजेक्ट के रुप में चुना जाएगा। उस गांव का डाटाबेस सैटेलाइट पिक्चर्स के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसरो की सेटेलाइट पिक्चर्स के माध्यम से मिलने वाली जानकारी के आधार पर प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान के केस बनाने में मदद होगी। सेटेलाइट पिक्चर्स से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर इसरो हरदा जिले के लिए एक मोबाइल एप भी तैयार करेगा। जिसके आधार पर जिले में उपलब्ध सरकारी म्पत्तियों की जानकारी एक नजर में देखी जा सकेगी। कलेक्टर ऋषि गर्ग ने कहा कि जिले में उपलब्ध संसाधनों की सही-सही जानकारी मिलने से विकास की योजना बनाने में सुविधा होगी। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन व मॉनिटरिंग भी आसानी होगी।
यह है आगे की तैयारी
हरदा जिले के विकास का प्रारुप प्रस्ताव तैयार किया गया है। अब वेब बेस्ड इन्फारमेशन सिस्टम (web based information) तैयार करेंगे।शासन के विभिन्न विभागों को विकास की प्लानिंग में इस इन्फारमेशन सिस्टम से मदद मिलेगी। कृषि, सिंचाई, मछली पालन, ग्रामीण विकास, उद्यानिकी, पीएचई,थेल्थ, शिक्षा, वन विभाग की विकास योजनाएं इसी सिस्टम के आधार पर मिले डेटा से बनेगी।