पहली ट्रेन से रवाना हुए पांच यात्री, पंद्रह स्टेशन पर उतरे
– स्वास्थ्य विभाग ने सभी की स्क्रीनिंग कर नाम, पता दर्ज किया – स्टेशन पर तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ, लेकिन ट्रेन में अभाव रहा
पहली ट्रेन से रवाना हुए पांच यात्री, पंद्रह स्टेशन पर उतरे,पहली ट्रेन से रवाना हुए पांच यात्री, पंद्रह स्टेशन पर उतरे,पहली ट्रेन से रवाना हुए पांच यात्री, पंद्रह स्टेशन पर उतरे,पहली ट्रेन से रवाना हुए पांच यात्री, पंद्रह स्टेशन पर उतरे,पहली ट्रेन से रवाना हुए पांच यात्री, पंद्रह स्टेशन पर उतरे,पहली ट्रेन से रवाना हुए पांच यात्री, पंद्रह स्टेशन पर उतरे,पहली ट्रेन से रवाना हुए पांच यात्री, पंद्रह स्टेशन पर उतरे
हरदा। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच रेलवे बोर्ड द्वारा 68 दिन बाद शुरू की गई कोविड 19 पहली विशेष ट्रेन सोमवार शाम को प्लेटफॉर्म पर पहुंची। सूरत-छपरा ताप्ती गंगा एक्सप्रेस से पांच यात्री अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। वहीं टे्रन में सवार होकर आए 15 यात्री स्टेशन पर उतरे। जाने व आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कर उनके नाम पते दर्ज किए गए। स्टेशन प्रबंधन की ओर से यात्रियों को संक्रमण से बचाने के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। ट्रेन आने के एक घंटे पहले पहुंचे यात्रियों का स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ. हरिओम मीणा, यशवंत सिंह और एसके चौधरी ने स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस दौरान एसडीएम एचएस चौधरी व तहसीलदार विंकी सिंहमारे के अलावा स्टेशन प्रबंधन एचजे पाल पूरे समय यहां मौजूद रहे। रात 11.२० बजे स्टेशन पर दूसरी ट्रेन कामायनी एक्सप्रेस का आगमन हुआ। इस दौरान भी यात्रियों को संक्रमण से बचाने के लिए सभी प्रबंध रखे गए। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के पहले चरण में ही ट्रेन संचालन बंद किया गया था। मई में रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की थी। हालांकि स्थानीय स्टेशन पर इनके स्टापेज नहीं रहे। यानि हरदा के प्लेटफॉर्म पर 68 दिन बाद अधिकृत रूप से किसी ट्रेन का स्टापेज रहा।
यात्रियों से ज्यादा मौजूद था स्टाफ
कई दिनों के बाद शुरू हुए ट्रेनों के संचालन की तैयारियां लंबे समय से की जा रही थी। कलेक्टर अनुराग वर्मा व एसपी मनीष कुमार अग्रवाल इनका निरीक्षण भी कर चुके थे। यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक पहुंचाने और प्लेटफॉर्म से बाहरी परिसर तक लाने के लिए अलग-अलग सुरक्षित व्यवस्था की गई थी। यहां रेलवे के अलावा स्वास्थ्य विभाग व नगर पालिका का अमला तैनात किया गया था। आरपीएफ व जीआरपी के अलावा शहर कोतवाली के अधिकारी, कर्मचारी भी स्टेशन पर तैनात रहे। इन सभी की संख्या टे्रन से रवाना हुए तथा आने वाले यात्रियों की संख्या से कई अधिक रही।
इंदौर से निजी वाहन से आकर ट्रेन पकड़ी
इंदौर में रहने वाले शुभम जाट लॉकडाउन के पहले से ही अपने घर थे। आर्मी के जबलपुर मुख्यालय में पदस्थ शुभम को ड्यूटी ज्वाइन करने का कॉल आया तो वे निजी वाहन से हरदा आए और ताप्ती गंगा एक्सप्रेस से जबलपुर रवाना हुए। इसी तरह 2 साल से खातेगांव में रहकर नौकरी करने वाले चंदन भी ट्रेन से अपने गृह नगर छपरा रवाना हुए। डिंडोरी में पदस्थ जिले के दो पुलिस जवान भी लॉकडाउन के कारण ड्यूटी पर नहीं जा सके थे। यह दोनों भी ताप्ती गंगा एक्सप्रेस से जबलपुर रवाना हुए।
आज आएंगे यह ट्रेन
– कुशीनगर एक्सप्रेस – अप में सुबह १०.१५ बजे, डाउन में दोपहर २.५८ बजे
– कामायनी एक्सप्रेस – अप में सुबह १०.२१ बजे, डाउन में 11.१२ बजे
– जनता एक्सप्रेस – अप में रात १०.०८ बजे, डाउन में रात 9.४२ बजे
– गोवाहाटी एक्सप्रेस – अप में शुक्रवार-मंगलवार सुबह ८.०८ बजे तथा डाउन में बुधवार-रविवार शाम ६.३८ बजे
– गोवा एक्सप्रेस – अप में सुबह ४.०४ बजे, डाउन में शाम ४.०८ बजे
– ताप्तीगंगा एक्सप्रेस – प्रतिदिन अप सुबह ७.३१ बजे, डाउन शाम ७.१७ बजे
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प्लेटफार्म की लंबाई व ऊंचाई बढ़ाई, लेकिन स्लोप बनाना भूले
– रेलवे प्लेटफार्म दो और तीन के अंतिम छोर पर कराया काम
फोटो कैप्शन : एचआर ०२२५ प्लेटफार्म के अंतिम हिस्से में स्लोप नहीं बनाया गया।
हरदा. स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो और तीन के खंडवा तरफ वाले हिस्से की अधिकारियों द्वारा लंबाई व ऊंचाई बढ़ाई गई, लेकिन स्लोप नहीं बनाया गया। इसके कारण यात्रियों के गिरने की आशंका है। उक्त प्लेटफार्म के अंतिम छोर पर पंजाब मेल, झेलम एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों की तीन बोगियां प्लेटफार्म से नीचे रह जाती हंै, जिससे यात्रियों को बोगियों में चढऩे-उतरने में परेशानियां होती हैं। इस समस्या को देखते हुए रेलवे ने प्लेटफार्म की लंबाई और ऊंचाई बढ़ाई है। लेकिन इसके अंतिम हिस्से को ऊंचा ही छोड़ दिया गया। ट्रेन आने के बाद यात्री चढऩे-उतरने के चक्कर में दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं, क्योंकि इस जगह पर अंधेरा ही रहता है। वहीं दोनों तरफ अप-डाउन की रेलवे लाइन काफी करीब में है। गिट्टियों पर पैर फिसलने से जनहानि हो सकती है। अधिकारियों द्वारा उक्त कार्य करवाया गया, लेकिन प्लेटफार्म के अंतिम हिस्से में स्लोप नहीं बनवाया गया।