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हरदा

गरज-चमक के साथ आधा घंटा बरसे बादल, खेत में गिरीं गेहूं की बालियां

मौसम के तेवर देख चिंतित हो उठे किसान, बारिश जल्द बंद हुई तो किसानों के हलक में आई जान

हरदाFeb 15, 2019 / 11:00 pm

sanjeev dubey

patrika

Rainfall of Mawthe Rain

हरदा. जिले में शुक्रवार आधी रात के बाद मौसम में अचानक बदलाव आ गया। तड़के बारिश शुरू हो गई। इस दौरान शहर के अलावा कई गांवों में ओलावृष्टि भी हुई। तेज हवा चलने से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल आड़ी हो गई। चना फसल को भी नुकसान की खबर है। हालांकि कितने क्षेत्र में बारिश से नुकसान हुआ, इसका आंकड़ा सामने नहीं आया है। शुक्रवार को क्षेत्र में मावठा की बारिश हुई। सुबह-सुबह तेज गरज चमक के साथ बादल बरस उठे। मावठा गेहूं की फसल के लिए अमृततुल्य होता है, लेकिन इस बार देर से बरसात होने से इसका उल्टा असर हुआ। करीब आधा घंटा की बारिश से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। गनीमत यह रही कि थोड़ी देर पानी गिरकर बंद हो गया अन्यथा किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता था।
खुले में रखा आलू-प्याज खराब हुआ
बारिश के कारण कृषि मंडी परिसर स्थित सब्जी मंडी में व्यापारियों का आलू व प्याज खराब हो गया। व्यापारी मो. साबिर ने बताया कि सब्जियों की नीलामी पहले शेड में होती थी। मंडी प्रबंधन ने एक पखवाड़ा पहले शेड में नीलामी बंद करा दी। इसके चलते व्यापारी दुकानों के सामने खुले स्थान पर नीलामी करने लगे। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात आलू व प्याज खुले में ही रखा था। शुक्रवार सुबह यह नीलाम होता, लेकिन तड़के बारिश शुरू होने से माल खराब हो गया। साबिर ने बताया कि मो. आबिद मो. साबिर और मो. सादिक मो. साबिर फर्म का करीब 2 लाख का आलू व प्याज बारिश में भीग गया। इसे आधे दाम पर नीलाम करना पड़ा।
जिले में ऐसा रहा बारिश का असर
मसनगांव। सुबह करीब ४ बजे बादलों की तेज गरज ने ग्रामीणों की नींद खोल दी। कुछ ही देर में बिजली की चमक के साथ पानी भी गिरने लगा। मौसम के इस तेवर को देख किसानों की जान हलक में आ गई। चिंतित किसान अपने फसलों के भविष्य को लेकर सुबह तक जागते रहे हालांकि अच्छी बात यह रही कि जल्द ही बारिश थम गई। किसानों का कहना है कि मावठे की बारिश सही समय पर नहीं होने से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। गांगला के किसान आमिर पटेल ने बताया कि खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में बालियां निकल चुकी हैं। कई खेतों में तो गेहूं पकने की स्थिति में आ चुका है। इस खड़ी हुई फसल में तेज हवा के साथ पानी गिरने से नुकसान हुआ है। हालांकि पानी जल्द ही थम गया अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। क्षेत्र के अन्य किसानों सुधीर पटेल, अजय पाटिल ने बताया कि गेहूं बड़ा होने से तेज हवा के कारण जमीन पर गिर सकता है। दो दिन पहले चली तेज हवा के कारण कई जगह पर गेहूं जमीन पर बिछ गया था जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। वहीं चने की फसल भी बेमौसम पानी गिरने से खराब हो सकती है। किसानों के मुताबिक शुक्रवार की रात को 2 बजे अचानक मौसम खराब होना शुरू हुआ था। इसके बाद 3 बजे के लगभग बादलों की गरज-चमक शुरू हुई। 4 बजे पानी गिरना शुरू हो गया। तेज बारिश होने से किसानों की नींद खुल गई। अधिकांश किसान बाहर निकल कर बारिश बंद होने की दुआ करते रहे। किसानों का कहना है कि पूरे सीजन की मेहनत का नतीजा आने पर है। भोजन की परसी हुई थाली में पानी डलने जैसी स्थिति बनी हुई है। जहां चने की फसल पकने की स्थिति पर है वहीं कई खेतों में चने की फसल कटी पड़ी है। कुछ खेतों में बाद में बोई गई फसलों पर फूल आ चुके हैं। पानी गिरने से ये खराब हो सकती हैंं। सबसे ज्यादा चिंता गेहूं की है। भागीरथ भायरे बताते हैं कि अभी तक मौसम मुफीद रहने से गेहूं खेतो में लहलहा रहा है पर तेज हवा पानी से उसे नुकसान पहुंच सकता है।
चने के आकार के ओले गिरे
कांकरिया। क्षेत्र में रुक-रुककर आधा घंटे हुई बारिश से कुछ गांवों में चना फसल जमीन पर बिछ गई। इससे किसानों को उत्पादन प्रभावित होने का अंदेशा है। खमलाय के किसान देवा पटेल के खेत में बोई चना फसल फल की अवस्था में है। फसल खेत के कई भागों में जमीन पर बिछ गई है। वहीं कांकरिया के किसान जगदीश बघेल ने बताया कि आंधी नहीं चली अन्यथा फसल चौपट हो सकती थी। वहीं टेल क्षेत्र के कुछ किसानों को कहना है कि जहां नहर का पानी नहीं पहुंचा वहां सूख रही फसलों को पानी से कुछ राहत मिली है। वहीं खमलाय के किसान जगदीश ठाकुर ने बताया कि बारिश के साथ कुछ देर चने आकार के ओले भी गिरे थे जो कि तत्काल बंद हो गए।
ओले गिरे, एक घंटे तक हुई जोरदार बारिश
दूधकच्छ कला। क्षेत्र में रात्रि लगभग 4 बजे ओलों के साथ तेज बारिश हुई। बेर के आकार के ओले लगभग 10 मिनट गिरे, फिर लगभग 1 घंटा बरसात हुई। इससे चने की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। फूल भी झड़ गए हैं। किसानों का कहना है की अब फूल नहीं आएगा। किसान मनोज सिंह, मनीष पाटिल, बलवंत सिंह तोमर, भगवान सिंह पटेल, भवानी तोमर,अनुग्रह प्रताप सिंह,बलवान ठाकुर, दीपक पटवारे ,दौलत सिंह तोमर,मंगल सिंह तोमर ,अजय सिंह आदि किसानों ने बताया कि ओला-पानी फसल का नुकसान कर गया है।
इनका कहना है
हवा की गति धीमी होने से गेहूं में नुकसान नहीं हुआ है। विभाग ने जानकारी मांगी थी, लेकिन नुकसान की सूचना नहीं है। दिनभर धूप खिलने से कटी हुई चना फसल को भी नुकसान नहीं हुआ।
– डीएस वर्मा, सहायक संचालक, कृषि

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