जया बच्चन तो सिर्फ एक बहाना हैं, नरेश का असली निशाना तो डॉ. अशोक वाजपेयी हैं!
तब चमका था नरेश अग्रवाल का सितारा1980 से कांग्रेस से लगातार विधायक रहे बीएससी, एलएलबी नरेश अग्रवाल का सितारा तब चमका था जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ कर लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी (1997-98) बनाई और लोकतंत्र कांग्रेस पार्टी के समर्थन से प्रदेश में भाजपा की कल्याण सिंह के नेतृत्व में सरकार बनवाई और सरकार में भागीदारी की थी। यहां से बुलंदियों की ओर बढ़ा उनका सितारा लगातार बढ़ता रहा और 20 साल तक वो सत्ता के साथ रहे। इस बीच उन्होंने एक बार सपा को छोड़ा और बसपा का दामन थामा, लेकिन फिर उन्होंने सपा में घर वापसी कर ली थी, लेकिन एक बार फिर राज्यसभा नहीं भेजे जाने से नाराज नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हो गये।
नरेश अग्रवाल एक बार फिर अपने दिल और दल को बदलने जा रहे हैं। कहा जाता है कि राजनीति में जनता की नब्ज और सत्ता के साथ की हवा भांप लेने वाले नरेश अग्रवाल का पूरा सियासी करियर दलदल के सहारे बुलंदियों तक पहुंचा है। यह अलग बात है कि हरदोई की राजनीति 40 वर्षों में उन्होंने प्रदेश में बतौर कैबिनेट मंत्री सत्ता की सत्ता की राजनीति भाजपा के साथ शुरू की थी और आज कमोबेश 20 साल बाद फिर से भाजपा में आ रहे हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान कयास तेज थे कि नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हो जाएंगे, लेकिन राज्यसभा में सपा का दीप प्रज्वलित कर रहे नरेश अग्रवाल ने भाजपा में जाने की खबरों का हमेशा खंडन किया और मोदी-योगी की लहर में भी हरदोई में सपा का झंडा बुलंद करते रहे। मोदी की आंधी के बावजूद हरदोई में साइकिल ही दौड़ी।
हरदोई में नरेश अग्रवाल की लोकप्रियता का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह किसी भी दलदल में रहे, लेकिन समर्थक नरेश दल के कहे जाते रहे। यही कारण रहा के नरेश अग्रवाल राम लहर मोदी लहर योगी लहर में भी विपक्ष में रहकर चुनाव जीतते रहे। उनकी योग्यता की प्रशंसा भाजपा में भी लोग समय-समय पर करते रहे। नरेश अग्रवाल कहते रहे हैं कि उन्हें दल बदलने से कोई परहेज नहीं है, लेकिन राजनीति में कभी दिल नहीं बदलना चाहिए। यही कारण है कि वो एक बार फिर भाजपा में वापसी करने में सफल रहे हैं। नरेश अग्रवाल सात बार हरदोई से विधायक चुने गये।
1980 में पहली विधायक (कांग्रेस) चुने गये
1989 से 2008 तक यूपी विधानसभा सदस्य
1997 में लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी का गठन किया
1997 से 2001 तक वो यूपी सरकार में ऊर्जा मंत्री
2003 से 2004 तक यूपी सरकार में पर्यटन मंत्री रहे
2004 से 2007 तक उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री बने
2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा सांसद बने