गर्म हुआ चर्चा का बाजार समारोह निमंत्रण पत्र से 5 विधायकों और राज्यसभा सांसद का नाम गुम होने को लेकर राजनीतिक हलकों से लेकर आम जनमानस में तरह-तरह की चर्चाएं शुरु हो गई हैं। लोग इस बात को डाक विभाग की तरफ से विधायकों और बसपा सांसद की उपेक्षा करने, उन्हें तरजीही न देने और सियासी रंग समेत गुटबाजी के रंग के नजरिए से देख रहे हैं। हालांकि डाक विभाग के अधिकारी इस मामले को PMO स्तर से मिली आथिति सूची और निर्देश बताकर किनारा कर रहे हैं।
bank program card” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/09/02/3_2_3348118-m.jpg”> बुलाए गए दो सांसद और दो विधायक आपको बता दें कि पूरे देश में शुरू हुई इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक सेवा का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस क्रम में हरदोई जिले में भी हरदोई मुख्य डाकघर, संडीला डाकघर, दलेलनगर डाकघर और सांक डाकघर में इस सेवा की शुरुआत हुई। इस सेवा की शुरुआत के लिए शुभारंभ समारोह के आयोजन किए गए। हरदोई सदर में शुभारंभ समारोह में भाजपा सांसद अंशुल वर्मा और विधायक नितिन अग्रवाल को अतिथि के रुप में आमंत्रित किया गया। जबकि संडीला में सांसद अंजू बाला और विधायक राजकुमार अग्रवाल को अतिथि बनाया गया। जबकि सांक और दलेलनगर में हो रहे आयोजन को लेकर जनप्रतिनिधियों को अतिथि बनाए जाने की सूचना अभी तक नहीं मिली।
लगाई जा रही तमाम राजनीतिक अटकलें हरदोई जिले से भाजपा के दो सांसद अंशुल वर्मा और अंजू बाला है। जबकि विधायकों में राजकुमार अग्रवाल, श्याम प्रकाश, माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू, रजनी तिवारी, आशीष सिंह आशु, प्रभास कुमार, रामपाल वर्मा और सपा से भाजपा में शामिल होने वाले विधायक नितिन अग्रवाल है। इस पूरे कार्यक्रम में विधायकों में सिर्फ नितिन अग्रवाल और राजकुमार अग्रवाल को अतिथि बनाए जाने और राजसभा सांसद डॉक्टर अशोक बाजपेई को अतिथि न बनाए जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं और राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही है।
गुटबाजी और अंतर्कलह बढ़ने के आसार आपको बताते चलें कि डॉक्टर अशोक बाजपेई का पूरा राजनीतिक जीवन समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव के साथ रहा लेकिन चाचा भतीजे के बीच सपा में मचे घमासान से आहत डॉक्टर अशोक बाजपेई ने प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद अपने एमएलसी पद से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर लिया। कई बार मंत्री रहे सीनियर लीडर डॉक्टर अशोक बाजपेई को रिटर्न गिफ्ट देते हुए बीजेपी ने उनको राज्यसभा सांसद बनाया, मगर उनके अपने ग्रह जनपद में डाक विभाग की ओर से होने वाले इस आयोजन में उन्हें तरजीह न दिए जाने और न ही उनके किसी परिवार और करीबी प्रतिनिधि को तवज्जो दिए जाने को लेकर भाजपा में गुटबाजी और अंतर्कलह बढ़ने के आसार हैं। कार्यक्रम को जातिगत समीकरणो से भी जोड़कर देख रहे लोग इसे बहुत बड़ा अपमान और उपेक्षा समझ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले होने वाले इस तरह के आयोजनों में हो रही इस तरह की बातों से कहीं न कहीं भाजपा को आपसी गुटबाजी, भीतरी कलह और मतभेदों की बातें दबी जुबान चर्चाओं में आ रही है।
पीएमओ से मिली थी सूची इस संबंध में डॉ अशोक बाजपेई से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। उनके करीबी भाजपा नेता अविनाश मिश्र ने बताया कि अशोक बाजपेई इसी प्रकार के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए बांदा जनपद गए हुए हैं। जबकि डाक विभाग के अधिकारी ने कहा कि विभाग द्वारा कोई भी सूची नहीं बनाई गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ की ओर से जो निर्देशित सूची मिली थी उसी के अनुसार उद्घाटन समारोह में अतिथि बनाये गए हैं। इस तरह से डाक विभाग ने इस मामले से किनारा कर रखा है लेकिन आम जनमानस में चर्चा है कि आखिर क्यों सिर्फ 2 विधायकों और 2 सांसदों को ही इन कार्यक्रमों में बतौर अतिथि बुलाया गया। जबकि बाकी 5 विधायकों और राज्यसभा सांसद को इस कार्यक्रम में अतिथि नहीं बनाया गया। कुल मिलाकर हरदोई जिले में डाक विभाग की सेवा ने शुरू होने से पहले ही राजनीतिक और भारतीय जनता पार्टी में अटकलों और गुटबाजी की चर्चा दे दी है।