scriptहाथरस गैंगरेप: पीड़िता का पुलिस ने जबरन किया अंतिम संस्कार, अधिकारी बोले- रेप की स्थिति साफ नहीं | Hathras gangrape victim cremation done by police family still protesting | Patrika News
हाथरस

हाथरस गैंगरेप: पीड़िता का पुलिस ने जबरन किया अंतिम संस्कार, अधिकारी बोले- रेप की स्थिति साफ नहीं

Highlights
-सफदरजंग में धरने पर बैठे पीड़िता के परिजनों को पुलिस ने हटा दिया
-पीड़ित का भाई बोला, हमें गुमराह किया जा रहा है
-अस्पताल के बाहर कांग्रेस, भीम आर्मी और अन्य संगठनों ने भी प्रदर्शन किया

हाथरसSep 30, 2020 / 08:53 am

Rahul Chauhan

funeral1.jpg

Funeral

हाथरस। 14 सितंबर को दरिंदगी की शिकार 19 वर्षीय दलित युवती मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान ज़िंदगी की जंग हार गई। जिसके बाद पीड़ित परिजन पुलिस पर आरोप लगा अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए। जिन्हें पुलिस ने वहां से हटा दिया। वहीं मंगलवार को ही पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। आरोप है कि पुलिस ने पीड़िता के परिजनों की गुहार सुने बिना ही जबरन अंतिम संस्कार करा दिया। पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि की स्थिति साफ नहीं हुई है।
उधर पीड़िता के भाई का कहना है कि हमें गुमराह किया जा रहा है और हमें न्याय चाहिए। पुलिस ने हमारी बात सुने बिना ही बहन का जबरन अंतिम संस्कार करा दिया और हमें भी अस्पताल से हटा दिया। वहीं पीड़िता की मौत के बाद से ही विपक्षी पार्टियों ने भी योगी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। इस कड़ी में कांग्रेस, भीम आर्मी और अन्य छोटे छोटे संगठनों ने अस्पताल के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और मामले की सुनवाई फास्ट कोर्ट में कराकर आरोपियों को फांसी देने की मांग की।
मामले में अलीगढ मंडल के आईजी पीयूष मोर्डिया का कहना है कि पीड़िता के बयान के आधार पर रेप का केस दर्ज किया गया था। जे एन मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में रेप होने की पुष्टि के बारे में स्थिति साफ नहीं है। 26 सितंबर को सैंपल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। उस रिपोर्ट के आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा।
वहीं डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने जानकारी दी है कि पीड़िता का 22 सितंबर को बयान लिया गया था। जिसके आधार पर मामले में गैंगरेप की धारा 376 डी जोड़ी गई थी। मामले में चार आरोपी जेल में हैं जिनके खिलाफ अब आईपीसी की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ी जाएगी। पीड़ित परिवार को 10 लाख की सरकारी मदद दे दी गयी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो