15 अप्रैल से लागू आयुष्मान योजना के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम को-आर्डीनेटर डॉ. प्रभात ने बताया कि लाभार्थियों की सत्यता व लाभ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से योजना को बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन से जोड़ा जा रहा है, जिसके आरोपण के पश्चात सभी आयुष्मान मित्रों को सिस्टम लॉगइन के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों का भी बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन अनिवार्य होगा, जो कि आयुष्मान योजना से जुड़े अस्पताल में इलाज कराने की स्थिति में एडमिट होने के समय व डिस्चार्ज के समय किया जाएगा। मल्टी डे केयर सेशन जैसे कीमोथेरेपी, डायलिसिस आदि की प्रक्रिया के समय बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन प्रत्येक सेशन पर किया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि दूसरी बार योजना का लाभ लेने के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरी बार अगर व्यक्ति योजना के तहत इलाज कराने आता है तो वह अपना आधार कार्ड नंबर बता दे तो उससे भी उसका इलाज प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि ये पद्धति 15 अप्रैल, 2019 से लागू हो जाएगी।
क्या है बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन व्यक्ति सत्यापन की तकनीक है। इस तकनीक में किसी व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिये उसके बायोलॉजिकल आंकडों जैसे अंगूठे और अंगुलियों के निशान, आँखों का रेटिना आदि का इस्तेमाल किया जाता है।