प्रेसवार्ता में द ग्रेट खली ने कहा कि रेसलर और खिलाड़ियों के लिए भारत में सुविधाओं की कमी है। सरकार की ओर से सुविधाओं की कमी के साथ-साथ यहां खिलाडियों में भी सोच का फर्क रहता है। यहां खिलाड़ी बिजनेस की ओर जाता है। नौकरी मिल जाती है तो नौकरी करता है खेल को छोड़ देता है। इस दौरान दिलीप सिंह राणा ने अपने अनुभव भी साझा किये।
दिलीप सिंह राणा ने कहा कि देश में हजारों ग्रेट खली तैयार करने के लिए ही वे यूएसए से भारत आये हैं। खली ने कहा कि लोग दिल्ली में घर बनाकर वापस अपने गांव नहीं लौटते हैं लेकिन वे अमेरिका में टीवी शो, डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलिं, हॉलीवुड की मूवी, यूएसए में घर और बिजनेस के बावजूद इस जुनून के साथ भारत वापस है ताकि हज़ारों खली तैयार कर सकें। उनकी माने तो इस काम के लिए सरकार ने न तो उन्हें जमीन दी है और न ही बिल्डिंग बनाकर दी है। वो अपने खर्च पर युवाओं को रेसलिंग सिखा रहे हैं।
जिला प्रशासन ने दंगल संयोजक के साथ मिलकर द ग्रेट खली के आने पर व्यवस्थाएं की थी, लेकिन वो व्यवस्था नाकाफी साबित हुई। मेला में आने वाले दर्शकों को भारी अव्यवस्थाओं के बीच द ग्रेट खली को देखना पड़ा।
बता दें कि 27 अगस्त से शुरू हुआ ऐतिहासिक मेला श्री दाऊजी महाराज 14 सितंबर तक चलेगा। इस मेले में विराट कुश्ती दंगल आकर्षण का केंद्र है। जिसमें नामी गिरामी पहलवान दांव-पेच दिखाएंगे।