सोशल मीडिया के माध्यम से तलाश करेगी पुलिस
लापता हुए 11 वर्षीय गोदना के मामले में अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि बच्चे की खोज के लिए एक टीम का गठन किया गया है। पेमप्लेट वगैरह भी छपवा दिए हैं। जल्द ही अखबारों और टीवी पर भी गुमशुदगी में इसकी सूचना देंगे, साथ ही सोशल मीडिया की भी मदद लेंगे ताकि बच्चे को जल्द से जल्द खोजा जा सके। इस बीच उन्होंने मीडिया समेत सभी आम लोगों से भी सहयोग मांगा।
लापता हुए 11 वर्षीय गोदना के मामले में अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि बच्चे की खोज के लिए एक टीम का गठन किया गया है। पेमप्लेट वगैरह भी छपवा दिए हैं। जल्द ही अखबारों और टीवी पर भी गुमशुदगी में इसकी सूचना देंगे, साथ ही सोशल मीडिया की भी मदद लेंगे ताकि बच्चे को जल्द से जल्द खोजा जा सके। इस बीच उन्होंने मीडिया समेत सभी आम लोगों से भी सहयोग मांगा।
ये था मामला
हाथरस की सासनी कोतवाली के गांव द्वारिकापुर से सतीश चन्द्र का 11 वर्षीय पुत्र गोदना छह महीने से लापता है। सतीश के तीन बच्चे थे जिसमें से एक बेटे और एक बेटी की मृत्यु पहले हो चुकी है। तीसरे बेटे के लापता होने का गम वे बर्दाश्त नहीं कर पाए। उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन कोई खास मदद नहीं मिली। लिहाजा मजबूर पिता खुद ही साइकिल लेकर बच्चे की तलाश करने निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों के शहरों और गांवों में करीब 2000 किलो मीटर साइकिल चलाकर बच्चे की तलाश की। लेकिन अब तक उन्हें बेटा नहीं मिला।
हाथरस की सासनी कोतवाली के गांव द्वारिकापुर से सतीश चन्द्र का 11 वर्षीय पुत्र गोदना छह महीने से लापता है। सतीश के तीन बच्चे थे जिसमें से एक बेटे और एक बेटी की मृत्यु पहले हो चुकी है। तीसरे बेटे के लापता होने का गम वे बर्दाश्त नहीं कर पाए। उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन कोई खास मदद नहीं मिली। लिहाजा मजबूर पिता खुद ही साइकिल लेकर बच्चे की तलाश करने निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों के शहरों और गांवों में करीब 2000 किलो मीटर साइकिल चलाकर बच्चे की तलाश की। लेकिन अब तक उन्हें बेटा नहीं मिला।
बेटे के गम में उनकी पत्नी भी सदमे में हैं। वो सिर्फ रोती रहती हैं या खामोश मूर्ति बनकर बैठी रहती हैं। उनके इलाज कराने में सतीश पर करीब 40 हजार का कर्जा चढ़ गया है। वहीं खेती पर ध्यान न दे पाने के कारण खेत बंजर हो गए हैं। लेकिन वे बिना थके और बिना रुके बेटे की तलाश कर रहे हैं। उनका कहना है कि कहने को तीन बच्चे थे, लेकिन आज चिता को आग देने वाला भी कोई नहीं।