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हाथरस

सपा के पूर्व विधायक की पत्नी की भी हुई जमानत जब्त, बगावत पड़ी भारी

विधानसभा चुनाव 2017 के बाद से अब तक समाजवादी पार्टी गुटबंदी से नहीं उबर पाई है।

हाथरसDec 04, 2017 / 09:08 am

अमित शर्मा

Samajwadi Party

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हाथरस। जिले की सदर नगर पालिका और सिकंदराराऊ में चुनाव परिणामों ने सबको चौंका दिया है। यहां दोनों ही नगर पालिकाओं में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। जबकि जिले की सदर नगर पालिका से सादाबाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक देवेंद्र अग्रवाल ने अपनी पत्नी लता रानी अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा था, दवेंद्र की पत्नी की भी जमानत जब्त हो गई।
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रालोद प्रत्याशी ने काटे समाजवादी पार्टी के वोट

राष्ट्रीय लोक दल ने इन निकाय चुनावों में पहली बार अपनी हिस्सेदारी की थी। राष्ट्रीय लोक दल ने सदर नगर पालिका क्षेत्र से अपना प्रत्याशी चुनावी समर में उतारा था। यहां से राष्ट्रीय लोक दल ने जलालुद्दीन को सदर नगर पालिका से टिकट दी थी, जिसके कारण समाजवादी पार्टी का मुस्लिम वोट राष्ट्रीय लोक दल के खाते में चला गया। वोटबैंक छिनने की वजह से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी की यहां जमानत जब्त हो गई। हालांकि कुछ मुस्लिम वोट बहुजन समाज पार्टी के खाते में जरूर जुड़े, इसीलिए बसपा यहां दूसरे नंबर पर रही।
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यहां बागियों ने भी किया नुकसान

विधानसभा चुनाव 2017 के बाद से अब तक समाजवादी पार्टी गुटबंदी से नहीं उबर पाई है। निकाय चुनाव के दौरान भी समाजवादी पार्टी खेमेबंदी हावी रही। जैसे ही समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक देवेंद्र आग्रवाल की पत्नी का टिकट फाइनल किया तो यहां बगावत के सुर उठने लगे। यहां से समाजवादी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष शिव कुमार वार्ष्णेय भी टिकट मांग रहे थे। टिक न मिलने से नाराज शिव कुमार वार्ष्णेय ने तो निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया था। हालांकि उन्होंने पर्चा नहीं भरा, लेकिन वह चुनाव के दौरान खुल कर पार्टी के साथ भी नहीं रहे।
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