योग के बारे में दी जानकारी
अनिल वार्ष्णेय ने कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति है। जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव-ऊर्जा का संचार करता है। योगा शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है साथ ही तनाव से भी छुटकारा दिलाता है जो रोजमर्रा की जिन्दगी के लिए आवश्यक है।
कई विधाओं का हुआ प्रदर्शन
उन्होंने योग को मुनष्य के सर्वांगीण विकास का मार्ग बताया और कहा कि योग को मनुष्य ही नहीं पशु पक्षी भी करते हैं जिससे वो मनुष्य से अधिक स्वस्थ रहते हैं। इसे महसूस करने की जरूरत है। कार्यक्रम से समापन से पूर्व सुबह हवन यज्ञ, भजन प्रवचन, गुरूकुल शिक्षा संस्कृति सम्मेलन किया गयां। इसके बाद विद्यालय की योग एवं मार्शल आर्ट वॉलेंटियर्स ने योग प्रशिक्षक प्रशांत आर्य के नेतृत्व में योगासन किये। शाम को कार्यक्रम का समापन किया गया।
नारी सशक्तिकरण पर दिया जोर
संध्याकालीन में मुख्यातिथि के रूप में मौजूद अपर आयुक्त सुभाषचंद्र शर्मा ने कहा कि बेटी का शिक्षित होना अति आवश्यक हैं। साथ ही आत्मरक्षा के लिए जो शिक्षा गुरूकुल में दी जा रही है वो वहुत ही सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण होगा तो देश अपने आप ही संस्कारवान और सशक्त हो जाएगा।