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स्वास्थ्य

हल्के में न लें, अगर सर्दियों में हाथ-पैरों की त्वचा का बदले रंग और आ जाए सूजन

सर्दियों में खासतौर पर तापमान के ज्यादा कम होने पर त्वचा में सूजन की समस्या देखी जाती है। मेडिकली इसे चिलब्लेंस बीमारी कहते हैं जो छोटे बच्चों के अलावा विशेषकर अधिक उम्र के व्यक्तियों को होती है।

Feb 02, 2017 / 02:31 pm

santosh

सर्दियों में खासतौर पर तापमान के ज्यादा कम होने पर त्वचा में सूजन की समस्या देखी जाती है। मेडिकली इसे चिलब्लेंस बीमारी कहते हैं जो छोटे बच्चों के अलावा विशेषकर अधिक उम्र के व्यक्तियों को होती है। इसमें शरीर के ऐसे अंग जो पूरी तरह से ढके नहीं होते और बार-बार कम तापमान के ज्यादा संपर्क में आते हैं उनमें कई दिक्कत होने लगती हैं। जैसे पैर, एड़ी, हाथों की अंगुलियां, नाक और कान खासकर प्रभावित होते हैं। 
लक्षण 

विशेषकर हाथ व पैर पर दर्दभरे लाल निशान के अलावा त्वचा पर फफोले पडऩे या अल्सर की शिकायत भी हो सकती है। इसके अलावा स्किन पर सूजन व जलन के साथ त्वचा के रंग में बदलाव होकर प्रभावित हिस्से का काला पडऩा लक्षण है।
कारण

ज्यादातर मामलों में कारण अज्ञात हैं। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार शरीर के तापमान में अचानक बदलाव से ऐसा होता है। हाथ-पैर का तापमान घटने पर त्वचा के नीचे मौजूद नसें जब बार-बार ठंडे तापमान के संपर्क में आती हैं तो सिकुडऩे लगती हैं जिनमें रक्तसंचार बाधित हो जाता है। टाइट कपड़े पहनने, रक्तसंचार की प्रक्रिया बाधित होने व जिन्हें रेनॉड्स (थोड़े से तापमान व वातावरण में बदलाव पर त्वचा के रंग में अंतर आना) बीमारी हो, को भी आशंका रहती है।
इलाज

सामान्यत: ठंडे वातावरण से दूरी बनने पर 5-6 घंटे बाद दिक्कत सामान्य हो जाती है। लेकिन एक-दो हफ्ते तक परेशानी बनी रहे तो स्थिति गंभीर होकर संक्रमण का कारण बन सकती है। मरीज को प्रभावित हिस्से पर क्रीम लगाने और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की दवाएं देकर बंद रक्तनलिकाओं को खोला जाता है।
डॉ. आर. एल. मीणा, सीनियर प्रोफेसर व एचओडी, मेडिसिन विभाग, आरएनटी मेडिकल कॉलेज, उदयपुर

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