आपको बताते चलें कि लंदन के इंपीरियल कॉलेज में हाल में ही हुए एक शोध कि माने तो इस कोरोना काल में जो बच्चे इससे संक्रमित हुए थे उनके थी होने पद डायबिटीज होने के गंभीर लक्षणों को देखा गया था। वहीं शोधकर्ताओं का ये भी मानना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर हो सकता कि इन्सुलिन प्रोटीन को बनाना कम कर देता हो, जिसका असर सीधा हमारे सेल्स के ऊपर पड़ता हो और इससे सेल्स डैमेज तक होने का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों में ये होने का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इससे उनकी बॉडी इन्सुलिन को उत्पन्न करने में सक्षम नहीं होती है, वहीं धीरे-धीरे पैंक्रियाज में जो भी मौजूद सेल्स होते हैं वे धीरे-धीरे डैमेज होना शुरू हो जाते हैं, इनके खराब होने के कारन या न बनने के कारण ब्लड शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता चला जाता है, वहीं ऐसे में जो व्यक्ति इससे पीड़ित हो जाते हैं उन्हें रोजाना इन्सुलिन लेने कि आवश्य्कता पड़ती है।
जानिए बच्चों से कैसे कर सकते हैं इसका बचाव सबसे पहले तो बच्चों से लेकर के बड़ों तक को सतर्कता बरतने कि जरूत होती है, वहीं यदि ये हो जाती है तो आपको इसके लक्षणों के बारे में जानना चाहिए। इसके लक्षणों कि बात करें तो बार-बार भूख का अहसास होना, गला सूखना, सही तरीके से दिखाई न पड़ना, धुंधलापन जैसी दिक्कतें होना आदि। ये सारे लक्षण आपके बच्चों में दिखाई दे सकते हैं जिन्हे आपको अनदेखा नहीं या इग्नोर नहीं करना चाहिए।
इससे बच्चों का बचाव करने के लिए आपको डाइट के ऊपर खासतौर पर अधिक ध्यान कि जरूरत होती है कि आप डाइट में बाहर का ज्यादा न खाएं तेल मसाले युक्त भोजन को अवॉयड करें, वहीं पैकज्ड फ़ूड का सेवन ज्यादा मात्रा में न करें।
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