इन राज्यों में वैक्सीन का परीक्षण
एक दिन पहले हुई ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की एक्सपर्ट कमेटी की बैठक हुई थी। इसके बाद इस वैक्सीन के अंतिम चरण के परीक्षण के लिए अनुमति दी गई है। इसके लिए 25 हजार से ज्यादा वॉलंटियर को शामिल किया जाएगा। इनको 28 दिन में वैक्सीन के दो खुराक दी जाएगी। इसका परीक्षण दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब और असम में करने की तैयारी है। इस चरण के परीक्षण में सबकुछ सही रहा तो इसके बाद अप्रूवल मिलने के बाद यह लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
बदलना पड़ा प्रोटोकॉल
इससे पहले पांच अक्टूबर को भी डीजीसीआइ की बैठक हुई थी, जिसमें भारत बायोटेक से तीसरे चरण के परीक्षण के लिए प्रोटोकॉल को फिर से दाखिल करने के लिए कहा था। एक्सपर्ट कमेटी का कहना था कि इसके परीक्षण का डिजाइन ठीक था, लेकिन इसकी शुरुआत दूसरे चरण के सुरक्षा व प्रतिरक्षा के लिए खुराक तय करने के बाद होनी चाहिए।
क्यों खास है कोवैक्सिन
कोवैक्सिन में एलहाइड्रॉक्सिक्विम-ढ्ढढ्ढ को शामिल किया है। यह तत्व शरीर में प्रतिरोधी प्रतिक्रिया को और बेहतर बनाएगा। इससे वैक्सीन की क्षमता बढ़ेगी। इससे शरीर में एंटीबॉडीज ज्यादा बनने लगती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता लंबे समय तक बनी रहती हैं।
ये भी अंतिम चरण के करीब
इसके अलावा भारत में सीरम इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की पार्टनरशिप में एक वैक्सीन बना रही है। साथ ही, जायडस कैडिला ने भी जाइकोव-डी नाम की एक वैक्सीन तैयार कर रही है।
अप्रूवल के बाद कीमत तय होगी
भारत में कोविड की तीन वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है। आइसीएमआर और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) अप्रूवल देंगे। वैक्सीन की कीमत अभी तय नहीं हो सकती है। अप्रूवल के बाद वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी व सरकार तय करेगी की कितनी कीमत होनी चाहिए। हालांकि अधिकतर कंपनियां न्यूनतम कीमत रखने की बात कह चुकी हैं।