बढ़ता स्ट्रेस : तनाव का संबंध हृदय से होता है। इससे जितना हो सके दूर रहें क्योंकि तनाव से अड्रेनलिन हॉर्मोन रिलीज होता है। इससे हार्ट रेट बढ़ता है। ब्लड प्रेशर भी बढऩे लगता है। ऐसी स्थिति लगातार होने से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट पंपिंग से खून व उसे पहुंचने वाली ऑक्सिजन की मात्रा घटती-बढ़ती है। इससे धमनियों पर दबाव से हृदय संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
कम नींद : कम नींद से तनाव, थकान बढ़ती है। कम से कम 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए। कम सोने से हृदय की धमनियों की कार्यक्षमता बढ़ती है। इससे पूरे दिन शरीर का संतुलन बिगड़ा रहता है। अनिद्रा की वजह से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।
फैमिली हिस्ट्री : बैड कोलेस्ट्रॉल बढऩा जेनेटिक हो सकता है। माता-पिता में से किसी को ५५ साल से पहले हार्ट अटैक हुआ है तो बच्चों में आशंका कई गुना बढ़ जाती है। बच्चों में जींस व खानपान की आदतों का समान होना है। बच्चों को चिकित्सक की परामर्श से जांच करानी चाहिए।