मीठे के लिए चीनी के स्थान पर सेक्रीन का प्रयोग- सेक्रीन भी एक तरह से मीठा पदार्थ ही है, लेकिन यह चीनी से कई गुना ज्यादा मीठा होता है। चीनी से कई गुना ज्यादा मीठा होने के कारण फलों के रस में चीनी के स्थान पर सेक्रीन का प्रयोग किया जा सकता है। प्राकृतिक सेक्रीन भले ही नुकसानदायक न हो लेकिन कृत्रिम सेक्रीन शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। जानकारों के अनुसार सेक्रीन यदि कृत्रिम है तो यह बहुत ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है, कृत्रिम सेक्रीन में कई तरह के रसायन होते है जो कि शरीर को गंभीर बीमार भी बना सकते हैं।
इनका कहना- कृत्रिम रंग हो या फिर सेक्रीन दोनों ही शरीर को नुकसान देते हैं। इनका सेवन करने से लीवर व किडनी संबंधी रोग हो जाता है। सेक्रीन व शुगर मोटापा भी बढता है। पेट संबंधी अन्य बीमारियां भी हो जाती है। कृत्रिम रंग के सेवन से शरीर की मांसपेशियों में अकडऩ व शरीर में जकडऩ व न्यूरॉलोजिकल स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां ज्यादा होती है। डॉ. सोहनलाल शर्मा, कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन
फलों का रस हो या अन्य खाद्य पदार्थ सेक्रीन के प्रयोग की स्वीकृति नहीं है। कोई भी ऐसा नहीं करें। इसके लिए विभाग के द्वारा समय-समय पर सेंपलिंग आदि के माध्यम से जांच की जाती है। मीठे का प्रयोग व रंग सहित कम्पोनेंट आदि की जांच की जाती है। दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
बाबूलाल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी