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World Parkinson’s Day : पार्किंसन रोगियों के लिए यह डाइट है बेस्ट

World Parkinson’s Day : विश्व पार्किंसन दिवस पर विशेषज्ञों ने बताया कि पार्किंसन रोग को मैनेज करने में आहार अहम भूमिका निभाता है. यह बीमारी वजन कम होने और कुपोषण का खतरा बढ़ा सकती है.

जयपुरApr 11, 2024 / 01:58 pm

Manoj Kumar

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World Parkinson’s Day : विश्व पार्किंसन दिवस पर विशेषज्ञों ने बताया कि पार्किंसन रोग (Parkinson’s disease) को मैनेज करने में आहार अहम भूमिका निभाता है. यह बीमारी वजन कम होने और कुपोषण का खतरा बढ़ा सकती है.
हर साल 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसन दिवस मनाया जाता है. इस न्यूरोलॉजिकल बीमारी में शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले मष्तिष्क का हिस्सा धीरे-धीरे खराब हो जाता है. इसके लक्षणों में कंपन, मांसपेशियों में अकड़न, बोलने में परेशानी, खाना खाने में दिक्कत और नींद ना आना शामिल हैं.
भले ही कोई ऐसा सुपरफूड नहीं है जो इस बीमारी को ठीक कर दे, लेकिन संतुलित आहार बहुत फायदेमंद होता है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ संपूर्ण आहार जिसमें फल, सब्जियां, कम चर्बी वाला प्रोटीन, दालें और साबुत अनाज शामिल हों, ये ना सिर्फ सेहत को अच्छा रखते हैं बल्कि पार्किंसन (Parkinson’s disease) के मरीजों को बीमारी के लक्षणों से लड़ने में भी मदद मिलती है.
पीडी हिंदूजा अस्पताल और एमआरसी, माहिम की मुख्य आहार विशेषज्ञ स्वीडल त्रिनिदाद ने बताया, “पार्किंसन रोग (Parkinson’s disease) एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है जो जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है और पोषण की स्थिति को कम कर देता है. अध्ययनों के अनुसार पोषण जोखिम कारकों को कम कर सकता है लेकिन कोई निवारक या इलाज करने वाला उपचार नहीं है. कोई भी एकल पोषक तत्व किसी सुपरफूड की तरह काम नहीं करता बल्कि यह कार्यात्मक खाद्य पदार्थों और आहार पैटर्न का मिश्रण होता है जो रोग के खतरे को प्रभावित करता है.”
“पार्किंसन रोग (Parkinson’s disease) से पीड़ित लोगों के लिए पोषण की स्थिति की नियमित निगरानी जरूरी है क्योंकि खराब पोषण उनके स्वास्थ्य को काफी प्रभावित कर सकता है. पार्किंसन के रोगियों में अक्सर वजन काफी कम हो जाता है, जिससे कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है और बीमारी की गंभीरता बढ़ जाती है. इसलिए, संतुलित आहार लेना, थोड़े-थोड़े अंतराल पर भोजन करना और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना आवश्यक है.” अमृता अस्पताल, फरीदाबाद की मुख्य क्लिनिकल न्यूट्रीशनिस्ट चारु दुआ ने आगे बताया.
विशेषज्ञों ने बताया कि स्वस्थ वसा का सेवन और दिन भर में प्रोटीन का सेवन बढ़ाना दवा के असर को बेहतर बना सकता है और मांसपेशियों के स्वास्थ्य को भी सपोर्ट करता है.

स्वीडल ने एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार खाने पर जोर दिया – जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए जाना जाता है – न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव प्राप्त करने के लिए. उन्होंने कहा, “फलों और सब्जियों से भरपूर आहार हमें एंटीऑक्सिडेंट की पर्याप्त मात्रा प्रदान करता है, जैसे विटामिन ए, बी, सी और ई, जो एंटीऑक्सिडेंट तंत्रों में चयापचय विफलता को कम करने के लिए जाने जाते हैं, जो रासायनिक प्रक्रियाओं को बढ़ा सकते हैं जिससे लिपिड पेरोक्सीडेशन और पार्किंसनिज्म के लक्षण हो सकते हैं.”
उन्होंने लाइकोपीन, बीटा कैरोटीनॉयड, राइबोफ्लेविन, टमाटर, आलू, मिर्च, फूलगोभी, गोभी और ब्रोकोली से भरपूर ताजे फल और सब्जियां खाने की सलाह दी लेकिन डेयरी उत्पादों से परहेज करने की चेतावनी दी.

(आईएएनएस)

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