आपको बता दें कि अगर आप कोई गतिविधि कर रहे हैं। जैसे चलना, फिरना, सीढ़ियां चढ़ना, भारी वजन उठाना, इस दौरान अगर आपको सांस लेने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। तो समझे कि आप के फेफड़े मजबूत है। लेकिन अगर आपको ऐसे काम करने पर सांस फूलने की समस्या आ रही है। तो आपको अपने फेफड़ों पर ध्यान देने की जरूरत है।
कई लोगों के फेफड़े स्मोकिंग, अत्यधिक अल्कोहल का सेवन, प्रदूषण का सामना होना आदि कारण से कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें भी अपने फेफड़ों का ध्यान रखना चाहिए। दरअसल शरीर को चलने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। वहीं फेफड़ों का काम शरीर में ब्लड के जरिए ऑक्सीजन को सप्लाई करना होता है। ऐसे में आपको अगर चलने फिरने में किसी प्रकार की दिक्कत हो रही है। तो आपको अपने शरीर पर ध्यान देना है।
अपने फेफड़ों को मजबूत करने के लिए आपको थोड़ी सी मुलेठी करीब 5 ग्राम, दो लौंग, दो काली मिर्च, चार-पांच तुलसी के पत्ते, थोड़ी मिश्री और थोड़ी दालचीनी लेकर मुंह में डालकर धीरे-धीरे चबाना है। अगर आप रोजाना ऐसा करते हैं। तो इससे आपको अस्थमा में भी आराम मिलेगा और आपके फेफड़े भी स्ट्रांग होंगे। क्योंकि मुलेठी में कई प्रकार के विटामिन, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, प्रोटीन आदि पदार्थ होते हैं। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण भी होते हैं। जो सर्दी, जुकाम, बुखार के साथ फेफड़ों को स्ट्रांग बनाने में आपकी मदद करते हैं।
तुलसी में काफी मात्रा में पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन सी होता है। जो फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। अगर आप रोज सुबह तुलसी के पांच पत्ते चबाएंगे। तो इससे आपको बहुत फायदा होगा।
लौंग में यूजिनॉल नामक तत्व होता है। जिससे पेट संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यह हार्ट, फेंफड़े, लीवर आदि को मजबूत करने और पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मददगार होती है। इसी प्रकार दालचीनी में कई प्रकार के प्रोटीन, विटामिन और खनिज होते हैं। जो एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसलिए इसका सेवन भी फेफड़ों को स्ट्रांग रखने और इम्यूनिटी बूस्ट करने में फायदेमंद होता है।