scriptतन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान | meditation give us peace and healthy life style | Patrika News
स्वास्थ्य

तन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान

विचारों पर नियंत्रण कर नकारात्मक भाव को बाहर करता और अंदर सकारात्मक विचारों को आने देता है। यह तन-मन के बीच संयम बनाने का काम करता है। अंतरमोन ध्यान नौकरीपेशा और अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा प्रभावकारी है।

जयपुरMay 31, 2021 / 03:11 pm

Hemant Pandey

तन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान

तन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान,तन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान,तन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान,तन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान,तन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान

विचारों पर नियंत्रण कर नकारात्मक भाव को बाहर करता और अंदर सकारात्मक विचारों को आने देता है। यह तन-मन के बीच संयम बनाने का काम करता है। अंतरमोन ध्यान नौकरीपेशा और अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा प्रभावकारी है। मेनोपॉज के बाद महिलाएं इसको करती हैं तो उन्हें भी इसका अधिक लाभ मिलेगा। इससे शरीर में जल्दी ऊर्जा का संचार होगा।
ध्यान के लिए कौनसी मुद्रा हो
ढीले कपड़े पहनें। आंख बंद कर सीधे बैठें। रीढ़ की हड्डी सीधी हो और गर्दन झुकी न हो। हाथ ध्यान की मुद्रा में हों और पहले अंगों पर ध्यान लगाना होता है।
12 वर्ष उम्र के बाद से ध्यान लगाएं
ध्यान किसी भी उम्र में कर सकते हैं। लेकिन 12 वर्ष से छोटे बच्चों को खुले में खेलने दें। इससे अधिक उम्र का हर व्यक्ति ध्यान लगा सकता है। अगर बैठकर नहीं कर सकते हैं तो इसको लेटकर भी किया जा सकता है। मानसिक रोगी एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर ले लें।
जगह कैसी हो
ध्यान के लिए घर की एक जगह निश्चित करें। कुछ दिनों के बाद वहां बैठने मात्र से ही पॉजिटिव ऊर्जा मिलेगी। घर से बाहर कहीं हैं या ऑफिस में भी समय मिलने पर ध्यान किया जा सकता है।
कितनी देर करें
ध्यान के लिए कोई समय तय नहीं है। पांच मिनट से लेकर एक घंटा भी कर सकते हैं। सुबह का समय सर्वोत्तम होता है। मन शांत रहें, इसलिए ध्यान लगाने से पहले आधा गिलास पानी जरूर पीएं।
कैसे करें अंतरमोन ध्यान
Step 1- ध्यान की मुद्रा में बैठकर शरीर के हर अंगों पर नीचे से ऊपर की ओर ध्यान को ले जाएं। हर अंगों पर कुछ न कुछ संवेदना होती है। एडिय़ों से शुरू कर सिर तक पहुंचें। फिर उन अंगों को थोड़ा स्टे्रच करें और उन पर ध्यान लगाएं। फिर ढीला छोड़ दें।
Step 2-आसपास की आवाजों पर ध्यान लगाएं। किसी आवाज पर रुकें नहीं बल्कि उससे आगे बढ़ते जाएं और फिर दूसरी आवाजों पर ध्यान दें। धीरे से अपने ध्यान को अंतर्मुखी बनाएं। अपनी सांसों की आवाज को सुनने की कोशिश करें। धीरे से ध्यान को दोनों आंखों के बीच में रखें। जैसी वहां आकृतियां बनती हैं, उसे देखें।
Step 3 -इसके बाद आसपास की गंध पर ध्यान लेकर जाएं। फिर ध्यान को जीभ पर लेकर जाएं। इस समय जो स्वाद आ रहा है, उसे महसूस करें। पूरा ध्यान जीभ पर रखें। इसके बाद त्वचा पर ध्यान लेकर जाएं। त्वचा पर हो रहे छोटे-छोटे स्पर्श को महसूस करें। फिर मन में ही बोलें, मैं अंतरमोन का अभ्यास कर रहा हूं। मुझे सभी अनुभवों को साक्षी भाव से देखना है। शरीर में हो रही संवेदनाओं को भी समान भाव से देखना है। इससे मन प्रसन्न होता है।
विश्राम की स्थिति
इसके बाद करीब 5-7 मिनट के लिए लेट जाएं और शरीर को ढीला छोड़ दें। पसीना भी आए तो शरीर को हिलाएं नहीं। मन में आ रहे विचारों को समझें और जाने दें। उनमें उलझे नहीं। हर विचार को स्वीकार करें और जाने दें। किसी विचार को रोकना नहीं है। फिर अपने मन से अच्छे और बुरे विचारों को आने और जाने दें। फिर उठकर बैठ जाएं। अब तीन बार ऊं का उच्चारण करें। दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगडें। आंखों पर हथेलियों को रखें। आंखों को खोल दें।
निलेश तिवारी, योग-ध्यान विशेषज्ञ, इंदौर

Home / Health / तन-मन के बीच संयम बनाता है अंतरमोन ध्यान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो